सहारनपुर। प्रबन्ध निदेशक, एम0 देवराज (IAS ) उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0, लखनऊ द्वारा साप्ताहिक वीडियो काॅन्फ्रेेसिंग के माध्यम से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 के अधिकारियों को सम्बोधित किया। मेरठ मुख्यालय से प्रबन्ध निदेशक, अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS ) ने बेठक की अध्यक्षता की ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए गये हैं। विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु जन-सुविधा केन्द्रों का विस्तृत नेटवर्क स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे की किसान उपभोक्ता जन-सुविधा केन्द्रों में अपना बिजली का बिल जमा करा सकें। डिस्काॅम के अन्तर्गत 14638 जन-सुविधा केन्द्र पहले ही कार्य कर रहें हैं, जहां उपभोक्ताओं द्वारा अपने घर के नजदीक सेंटर पर विद्युत बिल जमा कराने के साथ-साथ त्रुटिपूर्ण बिलों को सही कराने का कार्य प्रमुखता से किया जा रहा है।
“आसान किश्त योजना” का लाभ सभी 14 जनपदों के ग्रामीण एवं शहरी किसान उपभोक्तओं तक पहुँचाने हेतु पंजीकरण का कार्य अभियान के तौर पर किया जाने के निर्देश प्रबंध निदेशक द्वारा दिए गए हैं, विशेषकर आर्थिक रूप से निर्बल वर्ग के ग्रामीण किसान उपभोक्ता तक योजना का लाभ पहुँचाने हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में डुग्गी-मुनादी, एसएमएस, वाट्सएप, सोशल मीडिया द्वारा जागरूकता लाकर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय गा इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि ग्राम प्रधानों को प्रोत्साहित कर “आसान किश्त योजना” की जानकारी घर-घर तक पहुँचायी जाये।
विद्युत चोरी पर अंकुश लगाने हेतु प्रबन्ध निदेशक महोदय द्वारा सख्त निर्देश दिये गये है। प्रबन्ध निदेशक ने कहा कि 5 किलो वाॅट भार से अधिक के संयोजनों पर औचक रेड तेज की जाये। विद्युत चोरी को किसी भी दशा में बर्दाशत नहीं किया जायेगा। प्रवर्तन दल एवं पुलिस प्रशासन की मदद से विद्युत चोरी करने वालों पर शिकंजा कसा जाये गा । प्रबन्ध निदेशक, ने कहा है कि कार्यदायी संस्थाएँ गाँव-गाँव जाकर हर गरीब उपभोक्ता को नवीन संयोजन देने के कार्य में तेजी लायें ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन संयोजन निर्गत की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर 2019 निर्धारित की गयी है। उपभोक्ता शीघ्र से शीघ्र अपने निकट खण्ड/उपखण्ड कार्यालय से संपर्क कर नवीन संयोजन प्राप्त कर सकते है। पाॅवर ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने पर क्षतिग्रस्त परिवर्तक को शीघ्र बदला जायें। जिससे की उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करायी जा सके।