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इन्दौर की तर्ज पर स्मार्ट सिटी बनाने के लिए निगम सहारनपुर कर रहा है प्रयास, जानिए अब तक की रिपोर्ट...


सहारनपुर। इन्दौर की तर्ज पर सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम की ओर से किए गए अब तक के प्रयासों पर रोशनी डालने व नगर की जनता को संदेश देने के लिए एक पत्रकार वार्ता में मेयर संजीव वालिया और नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम अपने प्रयास कर रहा है। अब तक हुए प्रयासों में सफाई व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था , हाइवे, पार्कों और पुलों का सौन्दर्यकरण तथा स्टाइलिश विद्युत व्यवस्था के साथ महानगर को सुंदर और सुविधायुक्त बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा ''गौ अन्त्येष्टि'' स्थल के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त पी.पी.पी. मोड पर नगर निगम, मेडिकल कॉलेज एवं   आई.एम.ए. के साथ मिलकर ''मेडिकल अपशिष्ट'' प्रबन्धन करने की व्यवस्था कर रहा है तथा नगर निगम द्वारा एक अस्पताल बनवाया जायेगा, जिसमें गरीबों के लिये निःशुल्क/बहुत कम दरों पर हैल्थ टेस्ट कराये जायेेंगें। साथ ही एक जैनरिक  दवाखाना भी खुलवाया जायेगा। स्मार्ट हैल्थ परियोजना के अंतर्गत हैल्थ ए.टी.एम. की व्यवस्था भी की जायेगी।


उन्होंनें बताया कि स्मार्ट सिटी में चयनित ए.बी.डी. ऐरिया में 10 स्कूलों को 20-20 लाख रू0 की लागत से स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा और इनमें क्लासों को भी स्मार्ट कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि, ई-लाईब्रेरी परियोजना के अंतर्गत नगर  निगम स्थित लाईब्रेरी को आई.टी. तकनीक से आधुनिक बनाया जायेगा  तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं  की तैयारी के लिए छात्र-छात्राओें और शोधार्थियों को शोध कार्य हेतु उच्च स्तर का साहित्य व अन्य पुस्तकें, उपलब्ध करायी जायेगीं। एक काउन्सलिंग सेन्टर भी  बनाया जायेगा।


उन्होंने बताया कि दिल्ली रोड़ स्थित तालाब को ''वॉटर बॉडी'' के रूप में विकसित किया जायेगा तथा शहर के पार्को का सौन्दर्यकरण व आधुनिकरण किया जायेगा। इसके साथ कम्पनी गार्ड़न को भी विकसित किये जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि पी.पी.पी. मोड़ पर मल्टीलेवल कार पार्किंग और कमर्शियल कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जायेगा। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत नागरिकों को अन्तराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किये जायेंगे। स्मार्ट रोड परियोजना के अंतर्गत शहर के मुख्य मार्गाे को स्मार्ट रोड में परिवर्तित किया जायेगा।


आई.सी.सी.सी. परियोजना में कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, सी.सी.टी.वी, ई.आर.पी., जी.आई.एस. व ट्रैफिक मैनेजमेंट आदि कार्य प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत दो करोड़ की लागत से आई.सी.सी.सी. भवन का निर्माण कराया जा चुका है। पूरे शहर में लगभग 900 कैमरे लगाये जायेंगे और सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त की जायेगीं। इसके अतिरिक्त स्मार्ट टॉयलेट परियोजना में 6 टॉयलेट बनाये जायेंगे, इनमें से कम्पनी बाग में दो तथा रेलवे स्टेशन, रायवाला, जुबली पार्क और विकास भवन पर एक-एक स्मार्ट टॉयलेट बनाया जायेगा।


मेयर संजीव वालिया व नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को नगर निगम की गत दो वर्ष की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए बताया कि सभी 70 वार्डों को ओ.डी.एफ.प्लस किया जा चुका है और सभी वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कराने का भी प्रयास किया जा रहा है। सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सफाई कर्मचारियों की संख्या 1200 से बढ़ाकर 1900 की गयी है तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्राम घुन्ना महेशरी में 3.4656 हेक्टेयर भूमि भी निगम द्वारा खरीद ली गयी है। उन्होंने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत नगर के 6 वार्डों में 100 करोड़ रुपये की लागत से नयी सीवर लाईन डालने व पुरानी सीवर लाईन की मरम्मत का कार्य भी शुरु कर दिया गया है।


इसमें नौ हज़ार नये कनेक्शन घरों में देने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। पॉच बायो-डायेजस्टर का निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर सहारनपुर की रैंकिंग 345 थी, निगम के प्रयासों से स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में सहारनपुर ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 92 वां स्थान प्राप्त किया है। और स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सहारनपुर को टॉप टेन में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जहॉ नगर निगम द्वारा महानगर क्षेत्र में लोगों को जागरुक करने के लिए अनेक स्वच्छता रैलियॉ निकाली गयी हैं।


और नुक्कड़-नाटक कराये गये हैं। वहीं विभिन्न कॉलेजों, स्कूलों, मदरसों और संस्थानों में स्वच्छता व जल संरक्षण करने और पॉलिथीन का उपयोग न करने के लिए हजारों छात्र-छात्राओें और लोगों को शपथ दिलायी गयी है। एक प्रवर्तन दल का गठन करते हुए गंदगी, अतिक्रमण व पॉलिथीन के खिलाफ अभियान चलाते हुए 6448 कि.ग्रा. पॉलिथीन जब्त की गयी है। उन्होंनें ने बताया कि गत दो वर्षों में 23,000 परम्परागत लाईटों तथा 212 हाईमास्ट लाईटों को एल.ई.डी. में परिवर्तित किया गया है। इन लाइटों के ऑटोमेटिक ऑन-ऑफ के लिए 187 सी.सी.एम.एस. पैनल भी लगाये गये है।


सभी 70 वार्डो को आगामी 6 माह में एल.ई.डी. लाईटों से संतृप्त कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि शहर के सौन्दर्यकरण की दृष्टि से हसनपुर चुंगी से कलक्ट्रेट तिराहे तक तथा कचहरी पुल एवं अम्बाला रोड पुल पर डिजाईनर पोल लगाकर सौन्दर्यकरण किया गया है। मेयर संजीव वालिया ने बताया कि नगर में यातायात का दबाव कम करने के लिये ग्राम मानकमऊ में निगम की भूमि पर नकुड़-गंगोह आदि मार्गाे के लिए एक बस-स्टैण्ड के निर्माण का कार्य भी शुरू करा दिया गया है। तथा घंटाघर से हसनपुर चुंगी चौक तक एक मॉडल रोड का निर्माण किया गया है।


और इसी तर्ज पर शहर के चारों तरफ प्रमुख मार्गों को विकसित कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत 20 पार्को का चयन कर उनके सौन्दर्यकरण, जिसमें वृक्षारोपण के साथ-साथ बच्चों के झूले, पॉथ-वे व विद्युत व्यवस्था आदि के लिये शासन से स्वीकृति प्राप्त कर ली गयी है। बाकि सभी पार्कों पर जल्दी ही कार्य शुरु करा दिया जायेगा। जल निगम द्वारा अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल योजना के प्रथम व द्वितीय चरण में सात उच्च जलाशयों का निर्माण-मानकमऊ, सड़क दूधली, दाबकी जुनारदार, आई.टी.आई. कैम्पस, ग्रीन सिटी, पारस पुरम और मढ़गॉव में कराया जा रहा है।


उक्त दोनों पेयजल योजनाओं में 16 हजार 680 हाउस कनेक्शन दिये जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पांवधोई व ढ़मोला नदी को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के तहत मल्हीपुर रोड स्थित 38 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. चालू है। जिससे जुड़े 51 नाले आंशिक/पूर्ण रूप से टैप किये गये हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा राज्य सेक्टर में पांवधोई में गिरने वाले 11 नाले टैप किये जाने थे,जिसमें से 8 नाले टैप कर दिये गये है, शेष 3 नाले भी टैप कराये जा रहे हैैं तथा 28 मुख्य नालों पर जाली लगायी जा चुकी है।


और 15 अन्य नालों पर जाली लगाये जाने का कार्य एक सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा, ताकी पांवधोई व ढ़मोला नदी में कूड़ा-कचरा जाने से रोका जा सकें। स्वच्छ भारत मिशन के  अंतर्गत 70 वार्डो में एक-एक पब्लिक टॉयलेट भी बनवाया जा रहा है। मेयर संजीव वालिया व नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि पहले भवनों के नामान्तरण में भारी शुल्क लिया जाता था जिसे काफी घटाकर सुगम कर दिया गया है। जनमंच का जीर्णोद्धार करते हुए आंतरिक व बाह्य सौन्दर्यकरण कराया गया है तथा एक आधुनिक गैराज का निर्माण भी कराया गया है।


नगर निगम द्वारा टेण्डरिंग में पादर्शिता रखने के लिए ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गत दो वर्षों में 141 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराकर साम्प्रदायिक सद्भाव की डोर को भी मजबूत करने का प्रयास किया गया है। गत दो वर्षाे में नगर निगम द्वारा करीब दो दर्जन गांवों में 8.345 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गयी है। पुराना कमेले के पास 500 वर्ग मी.भूमि असहाय व्यक्तियों के निवास के लिए शेल्टर हॉम की स्थापना कराने के लिए उपलब्ध करायी गयी है। इसके अलावा निगम द्वारा एक स्थायी रैन बसेरा व एक अस्थाई रैन बसेरा संचालित किया जा रहा है।


कर्मचारी हितों में भी कई ठोस कदम उठाए गए हैं। जहां सभी कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खातों में भेजा जा रहा है वहीं सेवा निवृत्ति के दिन ही उनके सभी देयकों का भुगतान कराया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में मुख्य अभियंता निर्माण बी.के.सिंह,जी एम जलकल ए.एन उपाध्याय,लेखाधिकारी राजीव कुशवाह,वाटर वर्क्स इंजीनियर एस के गर्ग तथा स्मार्ट सिटी डारेक्टर सुशील पुंडीर व सभी वार्डों के पार्षद मौजूद थे।


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