सहारनपुर। प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार प्रदेश के किसानों के फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने, उनकी आय में वृद्धि हेतु अनेकों प्रकार से सहायता दे रही है। किसानों की कृषि योग्य भूमि के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी हेतु सरकार किसानों व अन्य प्रकार की बेकार पड़ी भूमि को सुधारकर उसे कृषि योग्य बनाकर फसलोत्पादन करने हेतु बल दे रही है। प्रदेश में कृषि योग्य जितनी भूमि है, उतनी भूमि से कृषकों द्वारा विभिन्न फसलें बोकर उत्पादन किया जा रहा है, किन्तु प्रदेश में किसानों एवं ग्राम समाज व अन्य प्रकार की बीहड़, बंजर, जलभराव व समस्याग्रस्त काफी भूमि है, जहां किसी प्रकार का फसल उत्पादन नहीं हो रहा है।
प्रदेश सरकार ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय कृषक समृद्धि योजना के अन्तर्गत इन बेकार पड़ी भूमि को सुधारने का बीड़ा उठाया है।उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में पं0 दीनदयाल उपाध्याय कृषक समृद्धि योजना का लोकार्पण करते हुए आगामी 05 वर्ष यानी 2022 तक के लिए इस योजना की शुरूआत की थी। सरकार का ध्येय है कि इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक बेकार पड़ी भूमि में कुल 1,71,186 हेक्टे0 भूमि का उपचार, सुधार करते हुए कृषि योग्य बनाकर कृषकों के विकास एवं आय में वृद्धि की जाय। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश सरकार ने 477.33 करोड़ रु0 के बजट का प्रावधान भी किया है। इस योजना के अन्तर्गत सारा कार्य मनरेगा के माध्यम से किया जा रहा है।
मनरेगा से कार्य कराने पर किसानों एवं संबंधित गांवों के मजदूरों को रोजगार भी मिल रहा है और किसान की कृषि योग्य भूमि भी बन रही है। प्रदेश में इस योजना के लागू होने से अब तक प्रदेश के हजारों किसानों की हजारों हेक्टे0 भूमि का उपचार, सुधार किया गया है। सरकार की इस योजना से किसानों के कृषि क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है, साथ ही उपचारित भूमि में फसल उत्पादन में उनकी आय में वृद्धि भी हो रही है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना किसानों के जीवन में खुशी लाने के साथ उनके लिए वरदान साबित हो रही है।