Skip to main content

शिक्षा से ज्ञान प्राप्त होता है और ज्ञान सबसे बड़ी शक्ति है: सुलेख चंद


सहारनपुर। बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुलेख चंद ने बामियान बुद्ध विहार मे आयोजित राष्ट्रीय चिंतन सभा द्वारा आयोजित शिक्षा व भारतीय संविधान विषय पर बोलते हुए कहा कि देश मे एक राष्ट्र एक शिक्षा का प्राविधान होना चाहिए उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक मात्र ऐसा साधन है। जिससे व्यक्ति, समाज व पुरे विश्व का विकास कर सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही आलोचनात्मक विचार वैज्ञानिक दृष्टिकोण और खोजी प्रवृत्ति विकसित होती है। उन्होंने कहा कहा कि  ज्ञान ही शक्ति है। और ज्ञान शिक्षा से प्राप्त होता है शिक्षित व्यक्तियों नहीं ज्ञान विज्ञान के आविष्कार किए हैं।


उन्होंने कहा कि राष्ट्र में एक समान शिक्षा व एक समान राष्ट्र की नीति लागू होनी चाहिए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सतरं गी लोकसभा के गठन के तुरंत बाद कस्तूरीरंगन कमेटी ने  का प्रारूप तैयार किया गया जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप में वैज्ञानिक जनवादी वे धर्मनिरपेक्ष शिक्षा का जिक्र भी नहीं किया गया है इससे उनकी मानसिकता प्रदर्शित होती है। उन्होंने कहा कि बेटियां इस देश व  समाज की धरोहर हैं। हमें उनका लालन पोषण व शिक्षा उच्च स्तर पर करनी होगी उन्होंने कहा कि बेटी के नाम जनपद सहारनपुर में मॉडल स्कूलों की स्थापना की जाएगी।


जिसमें सभी निर्बल समाज के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी इसी उद्देश्य के लिए बामसेफ ने बेटी कार्यक्रम की शुरुआत की है। संगठन के एक व्यक्ति ने इस कार्यक्रम के लिए 8 बीघा जमीन भी दान देने की घोषणा की प्रोग्राम मे मुमताज़ खान ने कहा सभी इंसान बराबर ओर सभी को सामान अधिकार व सामान शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन राजनेताओं ने शिक्षा को सिमित दायरे मे कर दिया है। उन्होंने कहा मुस्लिम मत है कि माँ कि गोद से कबर मे जाने तक शिक्षा हासिल करें। कार्यक्रम को इम्तियाज अहमद प्रदेश सचिव व मुमताज खान के साथ-साथ अनेक बुद्धिजीवियों ने अपने विचार रखे।


सुरेश चंद जी ने कार्यक्रम के दौरान यह भी घोषणा की की बेटी के नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन भी शीघ्र किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रदीप कुमार धारीवाल, सुमिता रानी केसरी सिंह सुभाष दिल्ली प्रदेश, सूर्यदेव मध्य प्रदेश रघुवीर सिंह बौद्ध नईम सागर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।


Popular posts from this blog

पुरानी पेंशन बहाली के लिए मोमबत्ती जलाकर आवाज़ उठाएंगे कर्मचारी

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के ज़िला अर्जुन सिंह त्यागी ने विकास भवन में महासंघ के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ बैठक में ये निर्णय लिया गया कि लखनऊ प्रांतीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा के आह्वान पर   पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर महासंघ के पदाधिकारी व सदस्य मोमबत्तियां जलाकर आवाज बुलंद करेंगे। 4 व 5 अक्तूबर सायं को राज्य कर्मचारी अपने-अपने आवास,भवन पर मोमबत्ती जलाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग करेंगे और सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।  और बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर सांसद थे तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री डा० मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया था। अब वह स्वयं मुख्यमंत्री हैं  प्रदेश के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कराएं। मुख्यमंत्री आसीन होने के उपरांत उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ में दिनांक 19 फरवरी 2020 इको गार्डन लखनऊ में वादा निभाओ रैली के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया था। वर्ष 2019-20 में कोविड-19 महामारी में जन सेवा में व्यवस्था के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। प्...

भाकियू (तोमर) ने एक पंचायत कर लगाया पुलिस व बिजली विभाग पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप

जनपद मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन तोमर के हजारों की संख्या में किसान छपार टोल फ्री करते हुए पंचायत की ओर कूच किया वहीं गुस्साए कार्यकर्ताओं ने ब्लाक परिसर के सामने घंटों रोड जाम किया वही भाकियू तोमर के जिला अध्यक्ष अखिलेश चौधरी ने कहा कृषि काले कानून वापस हो ओर  जनपद में पुलिस विभाग की कार्यशैली बहुत खराब हो चुकी है जिसके चलते किसानो में भारी रोष है और बढ़ती महंगाई जैसे बिजली की बढ़ी दरे ओर डीजल पेट्रोल की बढ़े दरे किसानों की कमर तोड़ने का काम कर रहे है इन्हें कम की जाए।  व भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने कहा गन्ने का भाव 450 प्रति कुंटल हो और किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए वह किसानों के गन्ने का भुगतान मय ब्याज सहित जल्द से जल्द कराया जाए उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की जनसंख्या बढ़ती जा रही है वह किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं इसका समाधान कराया जाए और कस्बा पुरकाजी में नशा और सट्टेबाजी का खेल जोरों शोरों से चल रहा है उस पर रोक लगाई जाए जनपदों के थाने में किसान और आम जनता का प्रति व्यवहार ठीक नहीं है इसमें सुधार कराया जाए चौधरी संजीव तोमर ने कहा अ...

आंखों की रोशनी तेज करने के लिये करें ये खास व्यायाम

आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इसलिए यह जिम्मेदारी बनती है कि हम इनका बखूबी ख्याल रखें। आंखों का स्वास्थ्य असंयमित और अनियमित जीवनशौली के कारण बिगड़ता है। अक्सर यह देखा गया है कि उम्र के साथ ही हमारी आंखों के आस-पास की मांसपेशियां अपना लचीलापन खोने लगती हैं और कठोर हो जाती है। आंखें तभी तक ठीक काम करती हैं जब तक उनकी कनीनिका, जलीय द्रव, ताल और ताल के पीछे रहने वाले द्रव्य स्वच्छ रहते हैं। इनमें से किसी के भी स्वच्छ न होने पर दृष्टि से संबंधित रोग हो जाते हैं। आंखों को किसी भी प्रकार के रोगों से दूर रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप आंखों से संबंधित योगा करें। जी हां, योगा एक ऐसी दवा है जिससे आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है। इस व्यस्त जीवन में अक्सर लोग आपनी आंखों का खयाल नहीं रख पाते। नींद कम लेना, लगातार नजला-जुखाम रहना, धुआं और धूल वाले स्थान पर रहना, आंखों की अच्छी तरह सफाई न करना आदि कई कारण हैं जिनसे आंखों की दृष्टि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए कुछ ऐसे व्यायाम हैं जिनका प्रयोग कर आप अपने नेत्रों को स्वस्थ बना सकते हैं। पल्मिंग-  घंटो...