सहारनपुर। नगर निगम ने पशु डेरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए डेरी स्वामियों को पंद्रह दिन का समय दिया है। 15 फरवरी के बाद निगम द्वारा डेरियों को शहर से बाहर भेजने का काम शुरु कर दिया जायेगा। और यदि सरकारी कार्य में कोई बाधा उत्पन्न करेगा तो उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी। यह निर्णय आज निगम में हुई एक हाईपावर कमेटी में लिया गया। कमेटी ने कहा कि शासनादेशों व निगम बोर्ड के प्रस्ताव के अलावा हाईकोर्ट के निर्णय को हर कीमत पर क्रियान्वित कराया जायेगा।
निगम कार्यालय में आज शुक्रवार को हुई एक हाई पावर कमेेटी की बैठक में मेयर संजीव वालिया व नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि पशु डेरी स्वामियों को नोटिस भी भेजे जा चुके हैं और पिछले काफी दिनों से उनसे वार्ता करते हुए उन्हें समझाया भी गया है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आये हैं। नगरायुक्त ने कहा कि तीन दिन पहले कुछ डेरी स्वामियों ने नगर निगम पहुंचकर धरना प्रदर्शन के दौरान उनसे वार्ता की थी और अनुरोध किया था कि उनकी बात सुनी जाएं। जिस पर उन्होंने डेरी स्वामियों को एक समिति बनाकर वार्ता का सुझाव दिया था।
उन्होंने कहा था कि निगम पहले भी डेरी स्वामियों से बातचीत करता रहा है और आगे भी तैयार है लेकिन अभी तक किसी ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। नगरायुक्त ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशों के अलावा वर्ष 2016 में ही मुख्य सचिव उ.प्र. ने निदेशक नगरीय निकाय, समस्त मंडलायुक्त, समस्त जिलाधिकारियों, एसएसपी व नगरायुक्तों को निर्देश दिये थे कि शहर के बीच चल रही अवैध पशु डेरियों को शहर से बाहर किया जाए तथा सड़क पर आवारा घूमते पशुओं के मालिकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएं।
उन्होंने कहा कि शासन के इन्हीं निर्देशों तथा हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन करने के लिए नगर निगम पशु डेरी स्वामियों को अपनी पशु डेरियां शहर से बाहर ले जाने पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि यदि 15 फरवरी तक डेरियां बाहर नहीं जाती तो निगम को मजबूरन हाईकोर्ट व शासनादेशों के तहत अपने स्तर से डेरियों को बाहर भेजने की कार्रवाई करनी पडे़गी। बैठक में प्रवर्तनदल प्रभारी कर्नल बी एस नेगी, कर अधीक्षक विनय शर्मा व एई दानिश नकवी सहित अनेक अधिकारी शामिल रहे।