सहारनपुर। जनमंच सभागार में नगर निगम द्वारा आयोजित स्वच्छता जागरुकता कार्यशाला को संबोधित करते हुए नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि स्वच्छता को हमें अपना संस्कार बनाना होगा तभी हम अपने परिवेश को साफ-सुथरा रखकर अपने व अपने परिवार को बीमारियों से बचा सकते हैं। कार्यशाला में वह सभी स्कूल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी शिक्षाविदो से स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सहारनपुर को टॉप टेन में लाने के लिए सहयोग देने की अपील की करते हुए कहा कि जिन देशों में अधिक स्वच्छता है।
वहां के नागरिक अधिक स्वस्थ हैं, उनका मानसिक स्तर भी उच्च है। नगरायुक्त ने कहा कि कुछ कार्य अपने लिए किये जाते हैं लेकिन कुछ कार्य ईश्वर के लिए किये जाते है। स्वच्छता ईश्वर का कार्य है, सभी धर्मों में स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को तो स्वच्छता के बारे में बताएं ही अभिभावकों को भी उनके माध्यम से जागरुक करें। उन्होंने कहा कि मात्र सिटीजन फीड बैक से ही हम टॉप टेन में नहीं आ सकते, हमें साथ में कूड़े के निस्तारण और उसके कम से कम जनरेट करने पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि यदि शहर के 50 हजार घरों में होम कंपोस्टर लगाकर कूड़े का निस्तारण किया जाये तो सहारनपुर नंबर वन भी आ सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक पूरे समाज को जगा सकता है, इसीलिए उन्हें आज इस कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है। इससे पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी रामेंद्र सिंह व जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अरुण कुमार दुबे ने कहा कि जिस तरह लक्ष्य निर्धारित कर हम चुनाव में कार्य करते है उसी तरह स्वच्छता को भी एक अभियान के रुप में लेकर हम सहारनपुर को नंबर वन पर लाने में सहयोग करें।
इसके अलावा हिन्दू कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. कुदसिया अंजुम, पुंवारका कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.विपिन गिरी, राजकीय कॉलेज की प्रधानाचार्य शोमा चौधरी तथा मुन्ना लाल कॉलेज की पंकज छाबड़ा ने भी अपने सुझाव दिए। सभी प्रधानाचार्यों को स्वच्छता पर मोबाइल से कैसे फीड बैक देना है इसके संबंध में जानकारी दी गयी। संचालन सहायक नगरायुक्त संजय कुमार ने किया। नगरायुक्त ने कहा कि धीरे -धीरे धीरे यह प्रयास हो रहा है कि शहर से जो भी कूड़ा जनरेट हो उसका उपयोग किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के डिस्पोजल के लिए अंबुजा सीमेंट से एमओयू साईन किया गया है। कुछ दिन में आप देखेंगे कि उस प्लास्टिक का सड़कों के निर्माण में उपयोग हो रहा है। इसी तरह मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए भी मेडिकल कॉलेज और आईएमए से एमओयू साइन हुआ है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सीनेटरी पैड का निस्तारण करने के लिए स्कूलों में ही लिए संयत्र लगाए जायेंगे।