प्राचार्य डॉ अंजू सिंह नें अपने उद्बोधन में खेल को व्यक्तित्व विकास का सशक्त माध्यम बताते हुए छात्राओं को हार जीत की चिंता किए बिना अपने सर्वांगीण विकास हेतु खेल गतिविधियों को निरंतर अपनी दिनचर्या का आवश्यक अंग बनाने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि डॉ उषा रानी ने अपने संबोधन में कहा कि व्यक्तित्व निर्माण हेतु सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ खेल गतिविधियों व प्रतियोगिताओं का विशेष महत्व है किंतु आगे बढ़ने के लिए तथा सफलता अर्जित करने हेतु सही आदत का निर्माण करना बहुत जरूरी है और यह मन तथा मस्तिष्क के समन्वय से ही संभव है।
दो दिवसीय वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का शुभारंभ 100 मीटर की हिट्स के साथ हुआ। 200 मीटर दौड़ में मीनू, ममता व अंजली, गोला प्रक्षेपण में मीनू, मोनिका एवं रेशमा तथा 100 मीटर दौड़ में मीनू, राधा व आंचल, लंबी कूद में ममता, सानू सैनी व नीतिका नें क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया।इस दौरान क्रीड़ा प्रभारी डॉ संतोष चौधरी, डॉ कल्पना राव, डॉ प्रताप सिंह रावत आदि रहे।