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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020, सफाई कर्मियों व नायकों को दिया प्रशिक्षण....


सहारनपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में कूड़ा मुक्त शहर (जीपीसी) के लिए सर्वेक्षण से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों द्वारा पब्लिक फीड बैक शुरु हो गया है। जिसके लिए आज यहां जनमंच सभागार में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा निगम के समस्त सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया और सर्वे के लिए आने वाली टीमों द्वारा क्या प्रश्न किये जा सकते हैं तथा उन्हें  उन प्रश्नों का क्या जवाब देना है इसके संबंध में विस्तार से समझाते हुए जरुरी टिप्स दिए गए। नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने प्रशिक्षण में शामिल सफाई कर्मचारियों, सफाई नायकों व निरीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सफाई कार्य देश का कार्य भी है।


और ईश्वरीय कार्य भी, सभी धर्मों में सफाई का विशेष महत्व बताया गया है। जहां स्वच्छता है वहां कोई बीमारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हम सब आज यहां ये संकल्प ले ले कि हमें सहारनपुर को नंबर वन पर लाना है तो निश्चय ही हम सहारनपरु के इतिहास में एक नया कीर्तिमान लिखने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि एक माह का समय हम सबके लिए अग्नि परीक्षा का समय है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की रैंकिंग में हमें लंबी छलांग लगाने के लिए हमें अपनी कार्य संस्कृति को बदलना होगा,तभी हम लक्ष्य हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम बदलेंगे तो युग बदलेगा।


नगरायुक्त ने सभी सफाई कर्मचारियों को समझाते हुए कहा कि गीला कूड़ा-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर अपने अपने क्षेत्र के एमआरएफ सेंटरों पर ले जाएं ताकि वहां कूड़े का सही निस्तारण हो सके। उन्होंने कहा कि कूड़ा कलेक्शन के समय वे ये भी प्रयास करें कि घरों में ज़्यादा कूड़ा जनरेट न हो, इसके लिए वे लोगों को जागरुक करें कि गीले कूड़े से घर में ही होम कंपोस्टर से खाद बनाएं। उन्होंने बताया कि हरे डस्ट बिन में गीला कूड़ा तथा नीले डस्टबिन में सूखा कूड़ा डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी दुकानदारों को भी इसके लिए जागरुक करें।


इसके अलावा सुनहरा कल के मयंक, फोर्स एनजीओ के नरेश कुमार ने भी संबोधित किया। संचालन नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. गीताराम ने किया। कार्यक्रम में सहायक नगरायुक्त संजय कुमार भी मौजूद रहे। 90 प्रतिशत पॉलीथिन बंद: नगरायुक्त ने दावा किया कि शहर में 90 प्रतिशत पॉलीथिन बंद हो गया है। यदि किसी सफाई कर्मचारी को कही कोई पॉलीथिन का उपयोग करता मिलता है तो उसका फोटा खींचकर सफाई निरीक्षकों को बुलाकर उन पर जुर्माना लगवाएं। गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ भी इसी तरह कार्रवाई करायी जा सकती है।


कूड़े से होगी एक करोड़ की आय: नगरायुक्त ने सफाई कर्मियों से कहा कि कूड़े का निस्तारण करने के साथ ही हम कूडे़ से निगम की आय भी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुकानों पर दस बजे हमारी गाड़ी पहुंचती है, हम दुकानदारों से केवल सौ रुपया महीना लेकर दुकानदारों से कूड़ा कलेक्शन कर रहे है। यदि हम सब दुकानों पर ये व्यवस्था करा लेते है तो उससे सफाई व्यवस्था में तो सुधार होगा ही साथ ही एक करोड़ रुपये की आय भी निगम को इससे होने वाली है। कूड़े से बनेगी बिजली: नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि निगम कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के प्रयास कर रहा है।


इसके लिए शहर में दस एमआरएफ  सेंटर बनाये गये है जहां गीला कूडा-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर उसका निस्तारण किया जा रहा है। शहर के बाकि सभी वार्डों में भी ये एमआरएफ सेंटर बनाये जायेंगे। इसके अलावा बीस वार्डों में डोर टू डोर होम कंपोस्टिंग डस्टबिन बांटे गए हैं तथा आईटीसी मिशन सुनहरा कल के माध्यम से डोर टू डोर कूड़ा कलक्शन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कूड़ा डंम्पिंग के लिए निगम द्वारा जमीन खरीद ली गयी है, यह निगम की इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि है, वहां जल्दी ही एक संयत्र लगाया जायेगा ताकि कूड़े से बिजली बनायी जा सके। 


वार्डो और कर्मचारियों को किया जायेगा पुरस्कृत: नगरायुक्त ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के दौरान जिन वार्डो में सफाई व्यवस्था दुरुस्त पाये जायेगी उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उस वार्ड के सफाई कर्मचारियों, सफाई नायकों व निरीक्षकों को भी पुरस्कृत किया जायेगा। सफाई कर्मियों के कल्याण की सरकार बना रही है योजना: कुछ सफाई कर्मियों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया तो नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार उनके कल्याण की योजना बना रही है, जितनी सुविधा की वह कल्पना कर रहे उससे भी अधिक उन्हें सरकार की योजनाओं से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमने लखनऊ में उनकी समस्याओं से मुख्यमंत्री जी को अवगत करा दिया है।


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