सहारनपुर। रेलगाडियों व बसों से अपने गणतव्य को लौट रहे लोगों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण रेलवे व बस स्टैंड पर फंसे यात्रियों को सिख् समुदाय आगे आया है। और उन्हें गुरूद्वारे में रहने खाने की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। यात्रियों की स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्क्रीनिंग भी की गयी है। पिछले दो दिनों से रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड पर रेलों व बसों का संचालन न होने के कारण अपने घरों को जाने के लिए परेशान हो रहे हैं।
यात्रियों की श्री गुरू सिंह सभा द्वारा मदद दी जा रही है। गौरतलब रहे कि विगत 24 मार्च को बस सेवाएं और ट्रेेन सेवाएं रद्द हो जाने के कारण मंसूरी हाॅस्टल से अपने बच्चो को लेकर पश्चिम बंगाल स्थित अपने जनपद पश्चिम बंगाल के कस्बा चितरंजन के दो परिवार, जिसमें 3 वयस्क 47 वर्षीय प्रहलाद चंद, 44 वर्षीय रजनीश, 43 वर्षीया महिला रिंकू सिंघ, 10 वर्षीय बालिका प्रियंका, 9 वर्षीय बालक शिवम, 11 वर्षीय बालिका निलोपफर हैं, जो पिछले 3 दिन से गुरुद्वारा सिंघ सभा के यात्राी विश्राम निवास में ठहरे हुए हैं।
आज गुरुद्वारा के प्रधन स0 जसबीर सिंह बग्गा ने गुरुद्वारा समिति से जुड़े गुरु तेग बहादुर पब्लिक के कोषाध्यक्ष और जिला कोरोना सर्विलेंस टीम के सदस्य एमपी सिंह चावला को सम्बन्ध्ति यात्रियों की कोरोना स्क्रीनिंग के लिए कहा। हाॅस्पिटल जाने से पहले एमपी सिंह चावला गुरुद्वारा पहुंचे सभी की स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें एक बच्ची 10 वर्षीय प्रियंका ने खांसी की शिकायत की, उसके बाद चावला ने जिला नोडल कोरोना सर्विलांस अध्किारी डा0 ओपी गुप्ता और जिला मलेरिया अध्किारी को जिला चिकित्सालय पहुंच कर सूचित किया।
वहां से तुरंत मलेरिया इंस्पेक्टर धरमेन्द्र के नेतृत्व में एक चार सदस्य टीम पहुंची, जिसमे ध्र्मेन्द्र, एमपी सिंह चावला, अशोक पंवार एवं नितिन यादव ने गुरुद्वारा पहुंच कर बच्ची प्रियंका की थर्मल स्क्रीनिंग की, जो सामान्य पाई गयी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कहा कि यदि कोई इस तरह का लक्षण किसी भी व्यत्तिफ व बच्चे में पाया जाता है, तो उसे गंभीरता से लेते हुए सूचना दें, ताकि उस मरीज को उपचार के लिए भेजा जा सकें। रिपोर्ट: आरिफ अंसारी