Skip to main content

कलौंजी "संजीवनी" से कम नहीं, हर मर्ज में है शिफा...


कलौंजी एक तरह से अमृत औषधी है, ये संजीवनी से कम नहीं। प्राचीन काल से ही कलौंजी का इस्तेमाल दवाओं के रूप में किया जाता है। कलौंजी का उपयोग यूनानी दवाओं को बनाने में किया जाता है। निगेला सतीवा, कलौंजी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक वार्षिक फूल पौधे हैं। ये रनुनकुलसै परिवार से संबंधित है। इसका उपयोग व खेती सबसे पहले प्राचीन मिस्र में हुआ। काले बीज का तेल, मिस्र के फराओ तूतनखामेन की कब्र में पाया गया था।


मौलवी मुकर्रम कहते हैं कि अरबी में, कलौंजी को हबताबुल बारकाह के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है "आशीर्वाद का बीज"। वे कहते कि इस्लामी नबी हज़रत मोहम्मद साहब ने कलौंजी के बारें में कहा है कि इसमें "मौत को छोड़कर सभी रोगों के लिए शिफा है। 


कलौंजी के नाम— 
कलौंजी के कई नाम हैं। अंग्रेजी में स्मॉल फनेल, कालाजाजी, कलौंजी, मंगरैला, काला जीरा, मुगरेला, इसे ब्लैक आॉनियन सीड्स या निगेल्ला सीड्स भी कहा जाता है। 


कलौंजी में पाए जाने वाले गुण— 
कलौंजी में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइडे्ट, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-ए, विटामिन-बी 6, विटामिन-बी 12, विटामिन सी मौजूद है। ये एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेन्टरी और एंटीसेप्टिक आदि। यह विटामिन, क्रिस्टलीय निगेलोन, वाष्पशील तेल, एल्किलॉइड, लोहा, सोडियम,  एमिनो एसिड, सैपोनिन,   फैटी एसिड जैसे लिनेलेनिक और ओलिक एसिड से भरा है। इसमें तीन प्रमुख प्राकृतिक रसायन : थॉमोक्विनोन (टीक्यू), थिइमोहिड्रोक्विनोन (टीएचक्यू),थेयमोल मौजूद हैंं।
हकीम ताहिर कहते हैं कि कलौंजी हर बीमारी के लिए मुफिद है। जानिए इसके फायदे  


1.पाचन क्रिया के लिए—
पाचन के लिए कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। कलौंजी का भोजन में उपयोग करने से पाचन दुरुस्त रहता है। इसके सेवन से पेट साफ रहता है और पेट में कृमि होने पर कलौंजी का शहद के साथ नियमित रुप से सेवन करना लाभदायक होता है।



2.त्वचा के लिए—
कलौंजी सुंदरता को भी बढ़ाता है। कलौंजी त्वचा के बैक्टीरिया से लड़कर उसे साफ़-सुथरी, चमकदार और युवा रखती है। कलौंजी तेल और नारियल तेल को मिलाकर झुर्रियों, फटी एडियों और रूखी त्वचा पर मालिश करने से त्वचा कोमल बनती है। त्वचा पर कलौंजी तेल से मालिश एक एंटीसेप्टिक और एंटीएजेंट का काम करता है। 


3.सफ़ेद दाग और लेप्रोसी के लिए
चेहरे से दाग, धब्बे, झांईयां मिटाने में कलौंजी तेल, गुलाब जल और गिलसरीन सहायक है। सफ़ेद दाग और लेप्रोसी में 15 दिन तक रोजाना सेब के सिरका के साथ कलौंजी के तेल से मालिश करने से फायदा होता है। 


4. जोड़ों औरगठिया के दर्द के लिए—
कलौंजी तेल मालिश और कलौंजी पट्टी जोड़ों, गठिया, सूजन दूर करने का अचूक आर्युवेदिक इलाज है। शरीर में सूजन, दर्द, गांठ पड़ने पर कलौंजी तेल में लहसुन पका कर मालिश करना फायदेमंद है। एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक बड़ी चम्मच शहद के साथ रोज सुबह लें, आप स्वस्थ और निरोगी रहेंगे।


5. वजन घटाने के लिए—  निगेला सतवा एक अद्भुत विरोधी भड़काऊ एजेंट है जो लोगों को वैसे ही वजन कम करने में मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी कारगर है।  



6. बालों के लिए इस अनूठे काले बीज के तेल से बालों का झड़ना का रूक जाता है। जिगर स्वास्थ्य के लिए:  दवा के दुष्प्रभाव, शराब के दुष्प्रभाव , या बीमारी के कारण खराब जिगर ठीक होता है। कलौंजी के तेल से हीलिंग प्रक्रिया की गति बढ़ सकती है।


7. मधुमेह के लिए  कलौंजी के तेल अग्नाशयी बीटा-कोशिकाएं का क्रमिक आंशिक उत्थान करता है, कम सीरम इंसुलिन सांद्रता को बढ़ाता है और ऊंचा सीरम ग्लूकोज को घटाता है। हर सुबह काली चाय के कप में तेल का आधा चम्मच लें और कुछ हफ्तों में अंतर देखें। 



8. सिरदर्द को राहत दें— कलौंजी तेल सिरदर्द के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक उपाय है जो तीव्र और प्रभावी परिणाम प्रदान करता है. अपने माथे पर कलौंजी तेल को रगड़ो, आराम करो, और अपने सिरदर्द गायब होते देखें।


9. स्मरण-शक्ति बढ़ाता है— कलौंजी बीज का एक और लाभ स्मृति शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाना है. यह अनुपस्थिति का इलाज करने और सतर्कता बढ़ाने में भी मदद करता है। 


10. रक्तचाप को नियंत्रित करें— उच्च रक्तचाप के लिए कलौंजी बीज के लाभों को अच्छी तरह से जाना जाता है, और यह सबसे विश्वसनीय और समय-परीक्षणित घरेलू उपचारों में से एक है।


Popular posts from this blog

पुरानी पेंशन बहाली के लिए मोमबत्ती जलाकर आवाज़ उठाएंगे कर्मचारी

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के ज़िला अर्जुन सिंह त्यागी ने विकास भवन में महासंघ के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ बैठक में ये निर्णय लिया गया कि लखनऊ प्रांतीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा के आह्वान पर   पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर महासंघ के पदाधिकारी व सदस्य मोमबत्तियां जलाकर आवाज बुलंद करेंगे। 4 व 5 अक्तूबर सायं को राज्य कर्मचारी अपने-अपने आवास,भवन पर मोमबत्ती जलाकर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग करेंगे और सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।  और बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर सांसद थे तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री डा० मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया था। अब वह स्वयं मुख्यमंत्री हैं  प्रदेश के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कराएं। मुख्यमंत्री आसीन होने के उपरांत उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ में दिनांक 19 फरवरी 2020 इको गार्डन लखनऊ में वादा निभाओ रैली के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया था। वर्ष 2019-20 में कोविड-19 महामारी में जन सेवा में व्यवस्था के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। प्...

भाकियू (तोमर) ने एक पंचायत कर लगाया पुलिस व बिजली विभाग पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप

जनपद मुज़फ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन तोमर के हजारों की संख्या में किसान छपार टोल फ्री करते हुए पंचायत की ओर कूच किया वहीं गुस्साए कार्यकर्ताओं ने ब्लाक परिसर के सामने घंटों रोड जाम किया वही भाकियू तोमर के जिला अध्यक्ष अखिलेश चौधरी ने कहा कृषि काले कानून वापस हो ओर  जनपद में पुलिस विभाग की कार्यशैली बहुत खराब हो चुकी है जिसके चलते किसानो में भारी रोष है और बढ़ती महंगाई जैसे बिजली की बढ़ी दरे ओर डीजल पेट्रोल की बढ़े दरे किसानों की कमर तोड़ने का काम कर रहे है इन्हें कम की जाए।  व भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने कहा गन्ने का भाव 450 प्रति कुंटल हो और किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए वह किसानों के गन्ने का भुगतान मय ब्याज सहित जल्द से जल्द कराया जाए उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की जनसंख्या बढ़ती जा रही है वह किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं इसका समाधान कराया जाए और कस्बा पुरकाजी में नशा और सट्टेबाजी का खेल जोरों शोरों से चल रहा है उस पर रोक लगाई जाए जनपदों के थाने में किसान और आम जनता का प्रति व्यवहार ठीक नहीं है इसमें सुधार कराया जाए चौधरी संजीव तोमर ने कहा अ...

आंखों की रोशनी तेज करने के लिये करें ये खास व्यायाम

आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इसलिए यह जिम्मेदारी बनती है कि हम इनका बखूबी ख्याल रखें। आंखों का स्वास्थ्य असंयमित और अनियमित जीवनशौली के कारण बिगड़ता है। अक्सर यह देखा गया है कि उम्र के साथ ही हमारी आंखों के आस-पास की मांसपेशियां अपना लचीलापन खोने लगती हैं और कठोर हो जाती है। आंखें तभी तक ठीक काम करती हैं जब तक उनकी कनीनिका, जलीय द्रव, ताल और ताल के पीछे रहने वाले द्रव्य स्वच्छ रहते हैं। इनमें से किसी के भी स्वच्छ न होने पर दृष्टि से संबंधित रोग हो जाते हैं। आंखों को किसी भी प्रकार के रोगों से दूर रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप आंखों से संबंधित योगा करें। जी हां, योगा एक ऐसी दवा है जिससे आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है। इस व्यस्त जीवन में अक्सर लोग आपनी आंखों का खयाल नहीं रख पाते। नींद कम लेना, लगातार नजला-जुखाम रहना, धुआं और धूल वाले स्थान पर रहना, आंखों की अच्छी तरह सफाई न करना आदि कई कारण हैं जिनसे आंखों की दृष्टि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए कुछ ऐसे व्यायाम हैं जिनका प्रयोग कर आप अपने नेत्रों को स्वस्थ बना सकते हैं। पल्मिंग-  घंटो...