आज की वयस्तम व भागम भग का जिंदगी में हमें बैठकर अपने उपर नजर डालने का समय नही हैं। प्रति दिन हमें अपने उपर नजर डालनी चाहिये। जब हम गुस्से में थे, खोए हुए थे, तनहा थे, ऐसे कई अनगिनत हो कारण हो सकते हें। खुशहाल वह लोग हैं जो आराम से बैठते हैं,अपने आप को कुछ पल देते हैं, दिन की घटनाओं पर नजर डालते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह सब करना बहुत मुश्किल है
। हमारी भावनाएँ पेन्ड्युलम की तरह झूलती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, बाहरी और आंतरिक हालांकि कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। जैसे हार्मोनल असंतुलन, न्यूरोट्रान्समीटर, रिश्तो की समस्याएँ, स्वास्थ्य की समस्याएँ आदि भावनात्मक उथल-पुथल का प्रमुख कारण है। मूड स्विंग से हर चीज प्रभावित होती है यह हमारी छोटी सी दुनिया से ताल्लुक रखती है।
योगिक ज्ञान के अनुसार हम शांत मन से विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने का साहस रखते हैं। योग गुरू मनीषाचार्य जी बताते हें कि कुछ योगासन क्रियाओं से तनाव को दूर कर सकते हैं। जैसे उत्तानासन,जानुशीर्षासन,भुजंगासन,शिशुआसन,शवासन आदि
1.उत्तानासन
कुछ समय के लिए इस आसन में रहने से मन को आराम मिलता है। यह तनाव और अवसाद का सामना करने में भी मदद करता है।
2.जानुशीर्षासन
यह आसन मन को शांत करने में मदद करता है। हल्के अवसाद व तनाव से भी राहत देता है।
3.भुजंगासन
यह हृदय चक्र को खोलता है। फेफड़ों को विस्तृत करता है। ताजा हवा भरता है। तनाव को समाप्त करता है और मन को प्रफुल्लित करता है।
4.शिशुआसन
यह आसन शांति का अहसास देता है और मन को ध्यान की अवस्था में डालता है। मन तनावरहित और शांत हो जाता है।
5.शवासन
इस आसन में ना तो शरीर को घुमाना है ना झुकाना है। सिर्फ जमीन पर लेटना है और सांसो पर ध्यान देना है। यह मन और शरीर को अत्यधिक विश्राम देता है। जिस से मन शांत हो जाता है।
योग आसन सबसे ज्यादा प्रभावी होते हैं। इस के लिये उचित होगा की आप किसी श्री श्री योग गुरू से योग तकनीकी को सिखें इस तकनीक का अभ्यास करने में आश्वस्त हो जाएँ। आप विराम लें अपने पर तथा अपने जीवन पर एक नजर डालें। यदि आप सभी योगासनों के बारे में जानना चाहते है और लाभ उठाना चाहतें हें तो युग रिपोर्टर के माधयम से हमारे योग गुरू मनीषाचार्य जी से सलाह लें