सहारनपुर। मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने मुख्यमंत्री लखनऊ उत्तर प्रदेश को एक मांग पत्र भेज कर 100 करोड़ रूपय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि निजी स्कूल फीस भी ना ले और वेतन भी दें। यह सरकार का निजी स्कूलों के खिलाफ तुगलकी फरमान बेतुका है।
सरकार जनता से टैक्स भी ना लें और कर्मचारियों को वेतन भी दे तो यह असंभव है। इस प्रकार हमारा सरकारी अधिकारियों से अनुरोध है। कि अपने बच्चों की फीस का बकाया संस्थानों को दें। ताकि हम भी अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। मध्यम व मझोले हिंदी मीडियम स्कूल संचालक भुखमरी के कगार पर है।
गत वर्ष की परीक्षा नहीं होने के कारण पिछली फीस का 70% बकाया अभिभावकों पर गत वर्ष का है। जो परीक्षा ओके रिजल्ट के समय फीस वसूली होती थी उधर शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 25% निशुल्क गरीब व आपलावि त गरीब बच्चों को शिक्षा दी जाती थी गत वर्ष का किताबों का एड्रेस का पैसा भी सरकार ने नहीं दिया।
जिससे उत्तर प्रदेश के करीब ढाई लाख 250000 स्कूल प्रभावित होंगे पिछले वर्ष का निजी स्कूलों का करीब 100 करोड रुपए बकाया है। बहुत से स्कूल संचालकों ने बस वह स्कूल गाड़ियों सहित स्कूलों की बिल्डिंग पर पर लोन ले रखा है सरकार से मांग है कि वह ऋण भी माफ करें क्योंकि स्कूल नोb प्रॉफिट और नो लॉस पर चला जाता है। रिपोर्ट. आरिफ अंसारी