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क्वारंटीन किए जाने वाले लोगों को लेकर भ्रम की स्थिति की जाएगी दूर..

पार्षदों को निगरानी समिति के सदस्यों से नहीं मिल रहा सहयोग
क्वारंटीन किए जाने वाले लोगों को लेकर भ्रम की स्थिति की जाएगी दूर
सहारनपुर। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया गया कि जनमंच में सभी वार्डों के पार्षदों सहित निगरानी समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी और उसमें जिलाधिकारी, नोडल अधिकारी व सीएमओ आदि को भी आमंत्रित किया जाएगा, ताकि निगरानी समितियों की जिम्मेदारियों और क्वारंटीन किए जाने वाले लोगों को लेकर पैदा हो रही भ्रम की स्थिति दूर हो सके।


पार्षदों का कहना था कि उन्हें वार्डों में गठित निगरानी समिति के अन्य सदस्यों का सहयोग नहीं मिल रहा है। कुछ वार्डों में ही आशा कार्यकत्रियां सक्रिय हैं, जबकि क्षेत्र के संबंधित पुलिसकर्मी का किसी भी वार्ड में आज तक कोई अता पता नहीं है। पार्षदों ने कहा कि जिला प्रशासन ने वार्ड निगरानी समितियों के रुप में सारी जिम्मेदारी निगम पर डाल कर खुद पल्ला झाड़ लिया हैै।


जिला प्रशासन वाहन पास खुद जारी कर रहा है और निगरानी की जिम्मेदारी न केवल पार्षदों पर डाल दी गई है, बल्कि चुपचाप वार्ड में आकर रहने वाले व्यक्ति के लिए दंडात्मक कार्रवाई पार्षदों के विरुद्ध करने की बात कही जा रही है। जबकि पार्षदों के पास ऐसा कोई स्रोत नहीं है, जिससे उन्हें पता लग सके कि उनके वार्ड में चुपके से रात में कौन आकर अपने घर में रहने लगा है।


दूसरे यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि किन लोगों को क्वारंटीन केंद्रों में होम क्वारंटीन करना है और किन लोगों को घरों में ही क्वारंटीन कराया जा सकता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एके त्रिपाठी का कहना था कि किस व्यक्ति को होम क्वांरटीन करना है और किसे क्वांरटीन केंद्र भेजना है, इसका निर्णय स्वास्थ्य विभाग को ही लेना होता है।


नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि वार्ड निगरानी समिति का गठन स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर हुआ है और मुख्यमंत्री जी स्वयं उसकी समीक्षा कर रहे हैं। मेयर संजीव वालिया ने पार्षदों को भरोसा दिलाया कि यह केवल उनकी नैतिक जिम्मेदारी है, उनके विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।


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