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पार्षदों का आक्रोश : पुलिस का रवैया न सुधरा तो नहीं करेंगे सहयोग,,


पार्षदों का आक्रोश : पुलिस का रवैया न सुधरा तो नहीं करेंगे सहयोग
नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव
पार्षदों को कोई नकद राशि व राशन किट नहीं दी गई : मेयर



सहारनपुर। मेयर संजीव वालिया की अध्यक्षता में आयोजित नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में लॉकडाउन के दौरान पुलिस द्वारा पार्षदों और नगर निगम कर्मचारियों के साथ किेए गए अभद्र व्यवहार की घटनाओं पर पार्षदों ने आक्रोश व्यक्त किया और सरकार को इससे अवगत कराकर शासन से कार्रवाई कराने की मांग की गई।


नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने पार्षदों को बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी व एसएसपी को अवगत कराया जा चुका है। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस प्रशासन सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाएगा तो पार्षद भी सहयोग नहीं करेंगे और किसी भी शांति समिति की बैठक में नहीं जाएंगे।


मेयर संजीव वालिया ने कहा कि लॉकडाउन में सभी 80 पार्षदों और सभी राजनीतिक दलों का सहयोग रहा है। इसी सहयोग के आधार पर नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अपने कार्यों को सही अंजाम दे पाया है, जिसका परिणम यह है कि कोरोना संक्रमण से निपटने को लेकर सहारनपुर जिले की पूरे देश में सराहना हो रही है।


उन्होंने कहा कि संभवत: कुछ कमियां रही होगी, उन्हें दूर कराने का प्रयास किया जाएगा। मेयर संजीव वालिया ने नगर निगम को भोजन उपलब्ध कराने वाली सभी संस्थाओं, दानदाताओं तथा सहयोग करने वाले सभी पार्षदों व कर्मचारियों का आभार भी व्यक्त किया।


कुछ पार्षदों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर में मेयर संजीव वालिया ने स्पष्ट किया कि कोई नकद धनराशि या राशन किट पार्षदों को वार्डों में वितरित करने के लिए नगर निगम द्वारा नहीं दी गई थी। नगर निगम व पार्षदों की भूमिका केवल विभिन्न संस्थाओं से प्राप्त भोजन के पैकेट जनता तक पहुंचाने में माध्यम के रुप में रही है।


स्पष्ट किया गया कि जो भी राशन की किट वितरित की गई हैं, वे जिला प्रशासन द्वारा वितरित कराई गई हैं। गरीबों के खातों में एक हजार रुपये जमा कराने में भी पार्षद केवल उनकी सूची उपलब्ध कराने के माध्यम रहे हैं। पार्षदों को सीधे सरकार द्वारा या निगम द्वारा कोई नकद धनराशि वितरित करने के लिए नहीं दी गई।


पार्षदों का कहना था कि उनकी सुरक्षा के लिए और जनता के लिए उन्हें कोई सैनेटाईजर, गलब्स व मास्क नहीं दिए गए, जबकि हॉट स्पॉट क्षेत्रों से लेकर क्वारंटीन केंद्रों तक उन्हें भी बार बार जाना पड़ा है। पार्षदों की सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है, जितनी अन्य कोरोना योद्धाओं को दी गई है।


इस पर मेयर संजीव वालिया ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीमे की तर्ज पर ही पार्षदों का बीमा कराने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। पार्षद गुलशेर द्वारा एक निर्माणाधीन सड़क को लेकर उठाए गए प्रश्न के उत्तर में मेयर संजीव वालिया व नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।


यदि कहीं कोई गड़बड़ी किसी पार्षद को मिलती है तो वे तुरंत कार्य रुकवा कर नगरायुक्त और मुख्य अभियंता निर्माण को सूचित करेंं, वे स्वयं उसका निरीक्षण कर आगे कार्रवाई करेंगे। प्रस्ताव संख्या 157 पर चर्चा करते हुए पार्षद आशुतोष सहगल व चरणजीत सिंह निक्कू ने जानना चाहा कि गैराज में रिक्शा रेहडों की वर्तमान में कितनी संख्या है,


कितने खराब हो चुके हैं, इसकी सूची उपलब्ध कराई जाए। आशुतोष सहगल का कहना था कि भविष्य में जो रेहड़े खरीदे जाएं, वह गुणवत्तायुक्त होने चाहिए। लंबी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से नगर निगम की एक वर्कशॉप स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया, ताकि निगम के वाहनों और अन्य उपकरणों को दुरूस्त रखा जा सके।


पार्षद आशुतोष, चरणजीत सिंह निक्कू, शहजाद, गुलजार, अशोक राजपूत व अभिषेक अरोड़ा टिंकू ने मेयर संजीव वालिया को अलग अलग विभिन्न मुद्दों से संबंधित पत्र भी दिए। पार्षद निक्कू ने हाईवे से स्पीड ब्रेकर हटाए जाने की भी मांग की। प्रभु जी की रसोई, अस्थायी राशनकार्ड, डिवाइडरों की लाइटें ठीक कराने, निगम की आय बढ़ाने, शौचालयों का रखरखाव, ठेकेदारों द्वारा समय से काम शुरू न करने, सफाई नायकों के स्थानांतरण, वेंडरों के पंजीकरण सहित अनेक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।


चर्चा में उप सभापति रमेश छाबड़ा, मानसिंह जैन, नरेश रावत, गौरव चौधरी व श्रीमती अंजना ने भी हिस्सा लिया। बैठक में मुख्य अभियंता निर्माण वीके सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रविश चौधरी, उप नगरायुक्त दिनेश यादव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एके त्रिपाठी, लेखाधिकारी राजीव कुशवाहा, अधिशासी अभियंता निर्माण आलोक श्रीवास्ताव, कर निर्धारण अधिकारी विनय शर्मा, गैराज प्रभारी एसबी अग्रहरि, एई जलकल सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।


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