दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी: जिलाधिकारी
सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियोंध्कार्यालयध्यक्ष को निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड-19 से बचाव हेतु प्रदेश के सभी विभागों के समस्त स्तरों के कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। उन्होने कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना एवं क्रियान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों एवं उससे सम्बद्ध
संस्थाओं के प्रत्येक स्तर के ऐसे कार्यालयों में, जंहा काफी संख्या में कर्मचारियों एवं जनता का आना-जाना होता हो, कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किया जायेगा तथा कोविड हेल्प डेस्क पर कोरोना से बचाव संबंधी पोस्टर लगाया जायेगा। कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी। दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा।
हेल्प डेस्क पर तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी से भिज्ञ किया जाएगा। कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मास्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा तथा आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम 2 गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी। कार्यालयाध्यक्ष एवं कोविड हेल्प डेस्क के द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यालय परिक्षेत्र में तम्बाकू उत्पादों का प्रयोग न किया जाए।
कार्यालयाध्यक्ष द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि यदि कोई कर्मचारी खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीडि़त है तो ऐसा कर्मचारी ड्यूटी पर न आए। कोविड हेल्प डेस्क के द्वारा स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश से पीडि़त व्यक्तियों की सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग या जनपदीय नियंत्रण कक्ष को दिया जाएगा।
उन्होने कोविड हेल्प डेस्क हेतु सामान्य जानकारी देते हुए बताया कि कोविड हेल्प डेस्क में तैनात कर्मचारी को सदैव मॉस्क पहनना चाहिए तथा अन्य व्यक्तिध्व्यक्तियों से दो गज की दूरी बनाए रखनी चाहिए। हेल्प डेस्क में तैनात कर्मचारी के द्वारा कार्यालय में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के हाथों को सैनीटाइज कराया जाएगा।
खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश आदि से पीडि़त व्यक्ति कोविड के संदिग्ध रोगी हो सकते है। अन्य उच्च कोविड संक्रमित राज्यों से आए व्यक्ति भी संदिग्ध रोगी हो सकते है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचना चाहिए। हेल्प डेस्क में तैनात कर्मचारी के द्वारा सभी कर्मचारियोंध्आगंतुकों को आरोग्य-सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाएगा।