टिड्डी दल से बचाव को टिन के डिब्बे, थाली व डीजे से करें शोर
सहारनपुर। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, राजस्थान एवं हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी दल का प्रकोप जारी है, जिसके मद्देनजर जनपद में टिड्डी दल के प्रकोप की संभावना बढ़ गयी है। उन्होंने किसानों को टिड्डी दल के प्रकोप से बचाने के लिए कई आवश्यक सुझाव दिये और कहा कि टिड्डी दल को भगाने के लिए टीन के डिब्बों, थालियों, डीजे से शोर मचायें, तभी किसान इससे अपना बचाव कर सकते है।
जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सूचित किया कि दिल्ली, राजस्थान ,एवं हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना प्राप्त हुई है, जिससे जनपद में टिड्डी दल के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है । टिड्डी दल का प्रकोप महामारी का रूप ग्रहण कर लेता है । इसलिए यह आवश्यक है कि जनपद में निरन्तर टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी की जाय जिससे किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा में ससमय टिड्डी दल पर नियंत्रण पाया जा सके।
टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टीन के डिब्बों, थालियों, डीजे आदि को बजाते हुए शोर मचायें। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पायेगें। चूंकि खरीफ का मौसम एवं बलुई मिट्टी टिड्डे के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकुल होता है। इसलिए टिड्डी दल के आक्रमण से सम्भावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रो में जुताई करवा दें एवं जल भराव करा दें, ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है।
टिड्डी दल के न्यून, मध्यम प्रकोप की दशा में कृषक भाई एक साथ मिलकर क्लोरोपाइरीफॉस 20 प्रतिशत ई0सी0, क्युनॉलफॉस 25 प्रति0,लैम्डासाइहैलोथ्रीन 5 प्रति0, साइपैरमैथरीन 25 प्रति, प्रोफेनोफॉस 50 प्रति अथवा मैलाथियान 50 प्रति ई0सी0 का 2 से 3 मिली0 मात्रा प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर टिड्डी दल पर छिडकाव करें। टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन या जनपद में स्थापित नियंत्रण कक्ष में तत्काल सूचना उपलब्ध करायें।