शिवालिक वन क्षेत्र आस-पास के क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन हब: मण्डलायुक्त
हैदरपुर वैटलैंड में वन्य जीवों को संरक्षित रखने के प्रयास जारी: संजय कुमार
सहारनपुर। मण्डलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि शिवालिक वन क्षेत्र आस-पास के क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन हब है। उन्होंने कहा कि इन पहाडियों का ऐतिहासिक महत्व है। लेकिन समय के साथ इनकी उपेक्षा से हमने समारिक महत्व को खोते जा रहा है। शिवालिक रेंज को राजजी पार्क का हिस्सा बनाये जाने के प्रयास किये जा रहे है जहां एक बार फिर से टाइगर विचरण कर सकें। उन्होंने कहा कि हैदरपुर वैटलैंड को पूरी तरह विकसित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बारहसिंघा, बाघ की तरह शिडयूल एक के वन्य जीवों को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि हैदरपुर वैटलैंड के छिपे हुए वन्य जीवों के बारे में हर दिन नई जानकारियां मिल रही है। इस क्षेत्र की दलदली आर्द्रभूमि की 18 हजार एकड़ भूमि पर पक्षियों की लगभग 300 प्रजातियों का बसेरा होता है। ये प्रवासी पक्षी मंगोलिया, चीन, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, रूस आदि देशों से नवम्बर माह से मार्च माह के अंत तक विचरण कर मनमोहक दृष्य प्रस्तुत करते है।
संजय कुमार आज सर्किट हाऊस सभागार में वल्र्ड टाइगर डे के अवसर पर डाक विभाग के द्वारा हैदरपुर वैटलैंड प्रवासी पक्षियों और लुप्तप्राय स्र्वोम्प हिरण के लिए नम स्थलीय स्वर्ग विषय पर विशेष आवरण व मुहर का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि डब्लूडब्लूएफ के द्वारा कराये गए सर्वे में हैदरपुर वैटलैंड में 150 बारहसिंघा मिलने के प्रमाण मिले है। उन्होंने कहा कि यहां पहली बार इतनी बडी तादाद में बारहसिंघा की उपस्थिति दर्ज हुई है।
उन्होंने कहा कि अब हैदरपुर वैटलैंड के एक हिस्से को बारहसिंघा के लिए कंजरवेशन रिजर्व बनाने के प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह दावा किया जाता था कि बारहसिंघा मानसून से पहले हरिद्वार वन प्रभाग के झिलमिल झील में चले जाते हैं और अक्टूबर के बाद लौटते हैं, पर अब ये बात सामने आई है कि उनका वास स्थल हैदरपुर वैटलैंड बनता जा रहा है