सहारनपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता ने जिला कारागार में वर्चुअल विधिक साक्षरता शिविर में निरूद्ध महिला बन्दियों से अलग-अलग वार्ता कर उनकी समस्याओं को जाना।
श्रीमती सुमिता आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश सर्वेश कुमार के मार्गदर्शन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी एक्शन प्लान के अनुपालन में वर्चुअल विधिक साक्षरता शिविर में महिला बंदियों से वार्ता कर रही थी। श्रीमती सुमिता को कई महिला बन्दियों ने मुकदमें की पैरवी के लिये वकील न होने की जानकारी दी गई। महिला बन्दियों को उनके मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। उन्होंने महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चो को शिक्षा प्रदान करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के दौर में बच्चों को जेल में ही पढ़ाया जाए और बाहर नही भेजा जाए। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण का ध्यान रखने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने कारागार अधीक्षक को निर्देश दिए कि यदि किसी बन्दी के पास अधिवक्ता नही है तो वह उसका प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में जिला कारागार सहारनपुर की सहायता से भिजवाये उन्हें तत्काल ही निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करा दिया जायेगा। उन्होंने महिला बन्दियों को घरेलू हिंसा अधिनियम एवं भरण पोषण के अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। वर्चुअल विधिक साक्षरता शिविर में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकाारियां बन्दियों को दी गयी। उन्होंने महिला बंदियों को साफ सफाई का ध्यान रखने, साबुन से हाथ धोते रहे, सेनेटाईजर का प्रयोग करे, हमेंशा चेहरे पर मास्क लगाये, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाये रखे, छींकते व खांसते समय मुहं कपडा रूमाल अवश्य बांधे, स्वय को अस्वस्थ महसूस होने पर तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी।
सचिव ने जिला कारागार अधीक्षक को यह भी निर्देशित किया कि यदि कोई बन्दी अस्वस्थ नजर आये, तो उसे तुरन्त डाक्टर को दिखायें और कहा कि बचाव ही एक मात्र विकल्प है। सचिव ने जिला कारागार सहारनपुर से ऐसे बन्दियों की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये, जिन्होंने संबधित अपराध में प्राविधानित कुल सजा की आधी सजा जेल में बिता ली है और उनको दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 436-ए का लाभ प्राप्त हुआ है अथवा नहीं।