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कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों की केस हिस्ट्री का अध्ययन जरूरी: अखिलेश सिंह 


सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि संक्रमित मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि भीड़-भाड़ वाले बाजारों में रैण्डम आधार पर कोरोना जांच कराई जाए। बाजारों में जो भी सैंपल जांच में सहयोग न करें उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाही की जाए। कोरोना की जंग लड़ कर अपने घरों को गए ऐसे लोगों की केस हिस्ट्री के अध्ययन किया जाए। जिससे उपचार की कारगर विधि को विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कोविड-19 अस्पताल में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने तथा बॉयोमेडिकल वेस्ट के यथाशीध्र निस्तारण के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने आर.टी.पी.सी.आर से टेस्ट में और अधिक तेजी लाई जाए।


अखिलेश सिंह आज यहां कलेक्ट्रेट सभागार में एकीकृत कोविड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर में कोविड-19 के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्विलांस टीमों को और अधिक सक्रिय कर कोविड-19 पर नियंत्रण किया जा सकता है। सर्विलांस टीम के पास इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर तथा सेनिटाइजर अवश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग के पूर्ण पालन के लिए जागरूकता का कार्य पूरी गति से चलता रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मास्क न लगाने वाले तथा सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लघंन करने वालों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सभी स्थानों पर अधिक से अधिक संख्या में सैंपल लिये जाए। बाजारों में भी रैण्डम आधार पर सैंपल लिये जाए।


जिलाधिकारी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्यों को यथाशीध्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कोविड तथा नॉन कोविड व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। अस्पतालों में चिकित्सकों तथा नर्सिंग स्टाफ के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक भी नियमित राउण्ड लें। पैरामेडिक्स द्वारा रोगियों की मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में ऑक्सीजन की सुचारु व्यवस्था उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने प्रत्येक स्तर के अस्पताल में फायर सेफ्टी के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद के सभी अस्पतालों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वालों को जहां पुरस्कृत किया जाए वहीं खराब कार्य के लिए दण्डित किया जाए।


अखिलेश सिंह ने कहा कि चिकित्सीय या दवा के अभाव में किसी भी रोगी का उपचार प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में इसके दृष्टिगत सभी अस्पतालों में अतिरिक्त मात्रा में औषधियों की व्यवस्था पहले से ही उपलब्ध रहें। कोविड चिकित्सालयों में समस्त वेंटीलेटरों को क्रियाशील रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित हुए नवजात शिशु के ईलाज में विशेष निगरानी की जाए। उन्होने मरीजों से पेयजल, खाना, साफ-सफाई, दवाई, चिकित्सकों के रवैये तथा अन्य सुविधाओं को निरंतर उपलब्ध कराया जाता रहे। उन्होने निर्देश दिये कि प्रतिदिन खाने का मैन्यू को बदला जाए। मरीजों को नियिमत उबला हुआ पानी व फल आदि भी उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड वार्ड को दिन में कम से कम तीन बार सफाई करायी जाये। बैड शीट प्रतिदिन बदली जाये। बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशसान) एस.बी.सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनोद कुमार, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) प्रदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक (यातायात) प्रेम चंद, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.एस.मरतोलिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बी0एस0सोढी, उपजिलाधिकारी, सदर अनिल कुमार सिंह, प्रभारी नगर आयुक्त रविश चंद्र, जिला पंचायतराज अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।


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