लॉक डाउन मात्र औपचारिकता बना, सडकों पर सरपट दौड़ते रहे वाहन
सहारनपुर। कोविड 19 की वैश्विक महामारी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा घोषित 55 घंटे का लॉकडाउन महज एक औपचारिकता बनकर रह गया है। केवल बाजार बंद होने तक ही लॉक डाउन का अनुपालन कराया जा रहा है, जबकि सडकों पर दौडने वाले वाहन लगातार जारी है और पुलिस द्वारा जगह-जगह लगायी गयी बैरिगेटिंग पर केवल औपचारिकता के रूप में चैकिंग की जा रही है। साथ ही अवैध रूप से टैम्पो व रिक्शा चालक वाहनों का संचालन सवारियों से दो गुना किराया वसूल चांदी कूट रहे है।
प्रदेशभर में वैश्विक महामारी के चलते संक्रमित रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार शनिवार-रविवार को 55 घंटे का पूरे प्रदेश में लॉक डाउन घोषित किया हुआ है, लेकिन जनपद में पिछले कुछ सप्ताह से लॉक डाउन के नाम पर महज औपचारिकता ही निभायी जा रही है। केवल लॉक डाउन बाजारों तक ही सीमित रह गया है। लॉक डाउन के नाम पर केवल दुकानों को ही बंद कराया जा रहा है, जबकि आवागमन पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नजर नहीं आ रहा है।
लोग सडकों पर घूमने का काम कर रहे है और किसी भी व्यक्ति में लॉक डाउन का खौफ नजर नहीं आता। लॉक डाउन की अवधि दूध, सब्जी, मेडिकल जेसी आवश्यक सेवाओं को छोड़ समस्त तरह की सेवाओं को बंद रखे जाने के आदेश किये गये है, लेकिन यह आदेश केवल कागजों तक सीमित होते दिख रहे है। नगरभर में सडकों पर सरपट दौड़ते वाहन लॉक डाउन की ओर पूरी तरह मुंह चिढ़ा रहे है। जगह-जगह खड़ी पुलिस केवल सुरक्षा के नाम पर मात्र औपचारिकता कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है,
जबकि शासन की ओर से सख्त आदेश है कि लॉक डाउन की अवधि के दौरान वाहनों व आम जनसामान्य के आवागमन को पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाये और कोरोना वायरस की चेन को तोडने के लिए एक दूसरे का संपर्क कम से कम हो, इसका भरसक प्रयास किया जाये, लेकिन लॉक डाउन की अवधि को लोगों ने मौज मस्ती के दिन मान लिये है। कई लोग तो इस अवधि में अपने वाहनों के माध्यम से अपने घरों से भी निकल पड़ते है।
कई व्यक्ति तो अपने रिश्तेदारों परिचितों में भी जा रहे है और शाम ढलते ही सडकों पर लोगों का पूरी तरह हुजूम उमड़ पड़ता है और सोशल डिस्टेन्सिग को भुलाकर वाहनों के आवागमन को पूरी तरह बढ़ावा दिया जाता है,जिससे प्रतीत होता है कि किसी प्रकार का लॉक डाउन नहीं है। जनपद में लगातार संक्रमित रोगियों व कोरोना पीडित व्यक्तियों की मौत का आंकड़ा ऊपर की ओर जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी जिला प्रशासन लॉक डाउन का अनुपालन कराये जाने को पूरी तरह मुस्तैद नजर नहीं आ रहा है।