सहारनपुर। सहारनपुर जल्दी ही कूड़ा मुक्त हो जायेगा। नगर निगम द्वारा खरीदी गयी भूमि पर अगले तीन माह में मशीने लगने का काम और अगले छह माह में कूड़ा निस्तारण प्लांट शुरु हो जायेगा। और अभी जो कूड़ा घर शहर में दिखायी दे रहे है वे सब समाप्त हो जायेंगे। शहर में हर घर और दुकान से गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा सडक पर कहीं न डाला जाएं, निगम की गाडियों में ही सीधे डाला जाये इसके लिए एक पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। ये जानकारी नगर निगम कार्यकारणी की बैठक में मेयर संजीव वालिया और नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने अनेक पार्षदों द्वारा कूड़ाघरों से कूड़ा उठान समय से न होने तथा कूड़े का सही निस्तारण न होने के संबंध में उठाये गये प्रश्नों के उत्तर में दी।
मेयर संजीव वालिया व नगरायुक्त ने कहा कि जो कार्ययोजना तैयार की गयी है उसे जनसहयोग से अमली जामा पहनाया जायेगा।घरों और दुकानों से निगम के कर्मचारी कूड़ा लेकर सीधे डम्पिंग ग्राउण्ड पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि कूड़ा घरों से उठाने के लिए शहर के लोग अभी जो धन व्यय कर रहे हैं उसी के तहत ये व्यवस्था की जायेगी कि उनके घरों से निगम कर्मचारी कूड़ा निश्चित रुप से लेकर उसे निस्तारण स्थल तक पहुंचाएं। पार्षद गुलशेर, शहजाद, चंद्र सिंह निक्कू, मानसिंह जैन व रमेश छाबड़ा आदि द्वारा कूड़ा उठान समय से न होने, एनजीओ द्वारा सही ढंग से कार्य न करन,े कूड़ाघर का निर्माण अधूरा छोड़ दिए जाने आदि उठाये गये सवालों के जवाब में नगरायुक्त ने कहा कि पार्षदों ने जिन समस्याओं को रखा है उनके शीघ्र निस्तारण का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहाकि किसी भी व्यवस्था को बनाने में समय लगता है लेकिन यदि सभी पार्षदों व जनता का सहयोग मिला तो हम छह माह में सहारनपुर को कूड़ा मुक्त करने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि जो कार्य इंदौर कर सकता है वह सहारनपुर क्यों नहीं कर सकता। हम उनसे बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण योजनाएं लंबित हुई है जिन्हें अब तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है। मेयर संजीव वालिया ने नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ. त्रिपाठी को आदेश दिए कि काम में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
इससे पूर्व पार्षद आशुतोष सहगल ने प्रस्ताव रखा कि नगर निगम एक्ट 1959 की धारा 173 डी के तहत नगर निगम सफाई व्यवस्था व कूड़ा उठान के लिए गृहकर, जलकर व सीवरेज टैक्स के साथ वार्षिक रुप से कंजर्वेंसी टैक्स बिल के साथ वसूल सकता है। सहगल ने कहा कि इससे समान रुप से सबको टैक्स देना होगा और फिर ये जिम्मेदारी निगम की होगी कि वह हर घर से सूखा व गीला कूड़ा अलग अलग लेकर उसे अपने डम्पिंग ग्राउंड तक पहुंचाएं। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और निगम को एनजीओ के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। सहगल ने कहा कि यदि सहारनपुर ये कदम उठाता है तो प्रदेश का वह पहला निगम होगा जो इस तरह की पहल करेगा। मेयर संजीव वालिया ने पार्षद सहगल का प्रस्ताव निगम बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए रखने के लिए निर्देश दिए। पार्षद मानसिंह जैन ने चिलकाना रोड कूड़ाघर तथा शहजाद ने कमेला कॉलोनी के कूड़ाघर का मामला जोरशोर से उठाया।
इसके अलावा पार्षद निक्कू ने स्मार्ट सिटी की योजनाओं के साथ पार्षदों को भी जोडने तथा गत तीन वर्षो में कितने वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया और उस पर हुए व्यय की जानकारी मांगी गयी,जिससे उपनगरायुक्त दिनेश यादव ने अवगत कराया। बैठक में पिछले अनेक प्रस्तावों की पुष्टि और अनेक नये प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गयी। पार्षद गुलशेर ने सलाटर हाउस के ठेके से आय बढ़ाने का मुद्दा भी उठाया। रमेश छाबड़ा व नरेश रावत ने हॉट स्पॉट क्षेत्र में बेरीकेटिंग करने किसका दायित्व है यह जानना चाहा। दानिश नकवी ने बताया कि ये कार्य अब निगम प्रशासन द्वारा ही किया जायेगा।
बैठक में पार्षद अशोक राजपूत, रमेश छाबड़ा, आशुतोष सहगल, अंजना शर्मा, शहजाद,मानसिंह जैन, चंद्रजीत सिंह निक्कू, गुलशेर, गौरव, नरेश सिंह रावत व कुशल कुमार के अलावा मुख्य अभियंता निर्माण बी के सिंह, उपनगरायुक्त दिनेश यादव, नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ. ए के त्रिपाठी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रवीश चैधरी, अधिशासी अभियंता आलोक श्रीवास्तव, कर निर्धारण अधिकारी विनय शर्मा, अतिक्रमण प्रभारी दानिश नकवी, गैराज प्रभारी एसबी अग्रहरि आदि मौजूद रहे।