विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई में आईआईए ने दर्ज करायी आपत्ति व सुझाव
सहारनपुर। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की विद्युत नियामक आयोग की जनहित सुनवाई में आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव अरोड़ा व चैप्टर चेयरमैन रविन्द्र मिगलानी ने भाग लिया। घंटाघर स्थित बिजलीघर पर विद्युत नियामक आयोग की जनहित सुनवाई में आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने विद्युत दर में वृद्धि के पावर कोरपोरेशन के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि उप्र से लगे अन्य राज्य जैसे उत्तराखण्ड, हरियाणा में बिजली के मूल्य उत्तर प्रदेश में 30 से 40 प्रतिशत कम है।
ऐसे में उद्यमी चाहते है कि लघु उद्योगों को प्रोत्साहित किए जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत दरो में कमी की जाये। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उद्योग की एक बड़ी कार्यशील पूंजी विद्युत नियामक में 45 दिन की खपत के बराबर सिक्योरिटी के रूप में जमा की जाती है, जिससे उद्यमी की कार्यशली पंूजी फंस जाती है। इसलिए सिक्योरिटी बैंक गारंटी के रूप मे लेने का प्राविधान किया जाये।
चैप्टर चेयरमैन रविन्द्र मिगलानी ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को बताया कि लॉक डाउन के दौरान कारखाने बंद होने पर उद्यमियों के पास लाखों के बिल पहुंच रहे है और जमा न करने पर कनेक्शन काट दिये जाते है। ऐसे में उद्यमियों को राहत दी जानी चाहिए। आईआईए द्वारा दिये गये सभी आपत्ति व सुझाव पर नियामक आयोग द्वारा शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।