सांसद बसपा-भाजपा के गठजोड़ की स्थिति करें स्पष्ट: इमरान
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य व पूर्व विधायक इमरान मसूद ने कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कु. मायावती ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठजोड़ कर अपना प्रत्याशी उतारकर साबित कर दिया है कि वह भाजपा के साथ किसी भी तरह का गठबंधन कर सकती है। उन्होंने कहा कि बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को भी बसपा-भाजपा के गठजोड़ पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
पूर्व विधायक इमरान मसूद ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि हम बार-बार यह कह रहे थे कि बहन मायावती भाजपा की अघोषित प्रवक्ता है जो बहन मायावती के भाजपा के साथ गठजोड़ करने से सत्य साबित हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने बसपा के विधायकों को तोडने का काम किया।
इसलिए झगड़ा सपा व बसपा के बीच था परंतु बहन मायावती द्वारा कांग्रेस को निशाना बनाया गया जिससे साबित होता है कि बसपा व बहन मायावती पूरी तरह से कांग्रेस के विरोध में तथा भाजपा के समर्थन का काम करती है।उन्होंने कहा कि बहन मायावती द्वारा आज यह कहा गया कि वह विधान परिषद चुनाव में खुलकर भाजपा के प्रत्याशी को मदद करेगी। इससे पूर्व भी बहन मायावती भाजपा के साथ कई बार समझौता कर चुकी है जिससे अब तस्वीर साफ है।
इसलिए उत्तर प्रदेश व बिहार के मतदाताओं को बसपा के इस चेहरे को देखकर ही मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अंदर हुए दलित उत्पीडन पर भाजपा की सरकारों द्वारा किए गए कृत्यों को भी बसपा का समर्थन प्राप्त है। ऐसी स्थिति में दलित समाज को बहुत सोच-समझकर निर्णय करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा को दलित समाज के विकास व मान-सम्मान से कोई सरोकार नहीं है।
बसपा को केवल कुर्सी की चिंता है, इसलिए बहन मायावती सत्ता के लालच में बार-बार दलितों के हितों व मान-सम्मान को गिरवी रखकर भाजपा के साथ समझौता करने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश व प्रदेश की जनता को बहकाकर सत्ता में आई भाजपा सुनियोजित ढंग से किसान, मजदूर, दलित व अल्पसंख्यक वर्ग का शोषण व उत्पीडन करने का काम कर रही है।
देश का किसान व मजदूर खून के आंसू रोने को मजबूर है क्योंकि किसान सरकार की गलत नीतियों की वजह से अपनी धान की फसल, लागत मूल्य से भी कम कीमत पर बेचने को मजबूर है। जबकि अगला गन्ना पेराई सत्र शुरू होने वाला है। अभी तक भी चीनी मिलों द्वारा किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने प्रदेश की जनता से नफरत की राजनीति करने वाली भाजपा को सबक सिखाने की अपील की।