नकुड़ में पराली की घटनाओं पर 16 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज
सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि किसान खेतों में धान और गन्ने की पराली जला रहे हैं। खेतों में पराली जलाने से जहां वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं भूमि की उपजाऊ क्षमता भी दिन प्रतिदिन कम हो रही है। पराली जलाने की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए नकुड़ क्षेत्र में 18 प्रकरणों में 16 लोगों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए चार किसानों की गिरफ्तारी भी की गई है। इन किसानों पर दो लाख 52 हजार 500 रूपए का जुर्माना लगाया है। उन्होंने किसानों को पराली जलाने के स्थान पर चारे के रूप में प्रयोग करने की सलाह दी है।
अखिलेश सिंह आज यहां नकुड़ क्षेत्र में पराली जलाने के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, वहीं वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते भी इसका असर रोगियों पर ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि खेतों में पराली जलाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद कतिपय किसान पराली जलाने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एवं उप जिलाधिकारी नकुड़ हिमांशु नागपाल ने बताया कि किसानों को खेतों में पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया की तहसील क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाई गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 18 घटनाओं पर 16 लोगों क विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है तथा चार लोगों की गिरफ्तारी भी की गयी है।
उन्होंने बताया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर 2 लाख 52 हजार 500 रूपए का जुर्माना निर्धारित किया गया है। किसानों को जागरूक करते हुए पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है। किसान पराली का प्रयोग कहां पर कर सकते हैं, इसके बारे में किसानों को बताया जा रहा है। हिमांशु नागपाल ने बताया कि आज लेखपाल की सूचना पर गांव साल्हापुर के किसान पर कार्रवाई करते हुए कोतवाली लाया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी दशा में पराली नहीं जलनी चाहिए। इसके लिए निरंतर गश्त जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि पराली जलाये जाने की सूचना पर तत्काल प्रभावी कार्रवाही की जाए।