देहरादून ( प्रदेश ब्यूरो ) विश्व जागृति योग ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष व विश्व प्रसिद्ध योग गुरु मनीषाचार्य ने बताया योग के द्वारा हम शरद ऋतु में होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों से अपने को सुरक्षित रख सकते है तथा मरीजो को भी सूक्ष्म यौगिक क्रिया व प्राणायाम से स्वयम को स्वस्थ व सुरक्षित रखा जा सकता है ।
उक्त वक्तव्य उन्होने एक निजी कार्यक्रम के दौरान मुलाकात में बताया कि अधिक ठंड के कारण सांस की नली सिकुड़ जाती है। जिससे अस्थमा, टीबी, ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्किइक्टेसिस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसमें सांस के सीटी की आवाज (sneezing sounds) सीढ़ियों पर चढ़ने हुए सांस कर फूलना। हाथ और पैर अंगुलियों मं सुन्नपन व नीलापन जैसे लक्षण स्पष्ट दिखने लगते हैं।
ट्रस्ट अध्यक्ष मनीषाचार्य ने बताया कि बचाव के लिए मरीजों को सुबह और शाम को ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिये बल्कि उनको प्राणायाम व योग का सहारा लेना चाहिए। मनीषाचार्य जी बताया कि हमारी संस्था जनकल्याण में विभिन्न प्रकार के योग चिकित्सा शिविर आयोजित करती रहती है ।
मनीषाचार्य जी ने बताया की कोहरे में प्रदूषण के कणों को सांस नली में जाने से रोकने के लिए मास्क पहनना भी जरूरी है। मरीजों दवाओं के नियमित सेवन के साथ योगभ्यास व प्राणायाम अवश्य करना चाहिए जिससे हम अपने को नियंत्रित व संयमित कर सकते है व अधिक परेशानी बढ़ने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उन्होंने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही सांस, हृदय और रक्तचाप के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे मरीजों को स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
खासकर इन मरीजों के लिए सुबह चार बजे से दस बजे तक का समय बेहद खतरनाक होता है। इसलिए नियमित दवाओं का सेवन, योगासन , प्राणायाम व संतुलित दिनचर्या और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। ज्ञातव्य हो आचार्य जी को योग के क्षेत्र में 21 वर्षों से निरन्तर योग सेवा पूरे विदेशों मे देते आ रहे है । वर्तमान में आचार्य जी के सान्निध्य में अनेकों देशो जैसे रूस, चीन, मालदीव्स, थाइलैंड, आस्ट्रिया आदि के देश ऑनलाइन ही योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है ।