सहारनपुर। नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है और यही प्रकृति की पूजा है। उन्होंने कहा कि यदि हमने जल चक्रण में सुधार नहीं किया, तो आने वाले समय में हमारी पीढियों को जल संकट से जूझना पड़ेगा। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि वे तालाबों, कुँओं और नदियों आदि जल स्त्रोतों को पवित्र रखें और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दें।
नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने जनता रोड़ स्थित चक हरैटी गांव में नगर निगम की सहायता से आईटीसी मिशन सुनहरा कल और ‘पानी संस्थान’ द्वारा संयुक्त रूप से जीर्णोद्धार किये गये एक तालाब का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्वतों, तालाबों, कुँओं और वृक्षों को पूजा जाता रहा है। चूंकि ‘यह सब देता हैं और जो देता है वही देवता है।’ उन्होंने कहा कि नगर निगम ने महानगर क्षेत्र में आने वाले सभी तालाबों के जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण का संकल्प लिया है। इन तालाबों का वैज्ञानिक ढंग से जीर्णोद्धार किया जायेगा। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से अनुरोध किया कि वे तालाबों को कूड़ा डालने का स्थान न बनायें बल्कि घर का कूड़ा घर में ही निस्तारित करें। नगर आयुक्त ने कहा कि सहारनपुर पूरे देश में नम्बर वन बनने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए जरूरी है, कि लोग भी सरकार की योजनाओं में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि तालाबों में जल एकत्रित होना और जमीन को सिंचित करने का एक सिस्टम है। जब हम इस सिस्टम को बिगाड़ते हैं, तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है और उसके दुष्परिणाम सामने आते हैं। कोरोना प्रकोप भी प्रकृति के बिगड़े संतुलन का ही परिणाम रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से रसायनिक खादों के स्थान पर जैविक खाद के उपयोग पर बल दिया।
इससे पूर्व आईटीसी के कार्यक्रम प्रबन्धक शुभेन्दु दास, शाखा अभियन्ता बाल कृश्ण अरोड़ा कार्यक्रम ऑफिसर धनेश गर्ग पानी संस्थान की डायरेक्टर शालिनी परियोजना समन्वयक गजेन्द्र राठी व आदिल रशीद तथा सुभाष द्वारा पानी संस्थान के कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। पार्षद उमेश शर्मा व विराट पुरी ने नगर आयुक्त का स्वागत किया।
उमेश शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में अनेक तालाबों पर लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर खेती की जा रही है। उन्होंने इन कब्जों को हटवाने की मांग की। नगर आयुक्त ने कहा कि जिन लोगों ने कब्जे कर रखे हैं वे तुरन्त अपने कब्जे हटा लें अन्यथा नगर निगम द्वारा जेसीबी के माध्यम से तालाबों को कब्जा मुक्त कराया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन मयंक पाण्डेय ने किया।