बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए चिकित्सीय प्रबन्धन जरूरी

यूनिसेफ के प्रतिनिधि रविप्रकाश श्रीवास्तव के द्वारा विकास भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विस्तृत रुप से रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायी जाय इसके विषय में आम जनता को जागरूक किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित भोजन करने से ही इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी द्वारा स्वास्थ्य और प्रबंधन के क्षेत्र में किस की क्या भूमिका है उसके बारे में बताया गया। कार्यक्रम में प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को प्रत्येक केंद्र पर स्वास्थ्य और पोषण मेला का आयोजन किया जाना है जिसमें 5 साल तक के बच्चों का वजन लेना तथा उनका स्वास्थ्य प्रबंधन करना इत्यादि के बारे में बताया गया। उन्होंने आंगनवाडी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को अपने-अपने क्षेत्रों में पोषण रैलियों का आयोजन करें। साथ ही सभी केन्द्रों पर प्रदर्शनी के स्टॉल लगाएं। साथ ही आंगनबाड़ी काउंसलिंग स्टॉल व पोषण काउंटर भी लगाये जाए।
उन्होंने कहा कि काउंटर लगाते हुए समस्त लाभार्थियों को स्वास्थ्य एवं प्रबंधन देना आप सभी का कार्य है। इसलिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों और लाभार्थियों का गृह भ्रमण करें और उनकी कॉउसिलिंग करें। कार्यशाला में समस्त मुख्य सेविकायें और बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती अनिता सोनकर ,अर्चना कुमारी, नाहीद प्रवीन तथा श्रीमती सुनीता चैधरी उपास्थित रही।