लखनऊ। किसानों की व्यथा को लेकर प्रियंका गांधी के एक ट्वीट के बाद ईसानगर के फत्तेपुर गांव के आलोक मिश्रा चर्चा में आ गए। ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री दफ्तर से आलोक के पास फोन भी आया। मीडिया के लोग भी फत्तेपुर की तरफ दौड़ने लगे। जिस गन्ना बकाया भुगतान को लेकर प्रियंका ने ट्वीट किया था, उसके बाबत आलोक ने बताया कि वह भुगतान उनके परिजनों के बैंक खातों में पहले ही पहुंच चुका है।
बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया। इसमें दावा किया गया था कि खीरी जिले के किसान आलोक मिश्रा का 6 लाख रुपया गन्ना भुगतान बकाया है। उनको खेती, इलाज के लिए 3 लाख रुपए का कर्ज लेना पड़ा। प्रियंका के इस ट्वीट के बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई।
प्रियंका के ट्वीट की हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से आलोक के पास फोन आने लगे। मीडिया के लोगों का भी जमावड़ा होने लगा। इस बाबत आलोक ने बताया कि पिछले साल का उनके बाबा और दादी का गन्ना भुगतान बकाया था। इस बीच बुजुर्ग बाबा लक्ष्मीनारायण मिश्र बीमार पड़ गए। वे पब्लिक इंटर कालेज ईसानगर के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य थे। उनके इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी। चीनी मिल ने इलाज के लिए 85,000 रुपए बकाया भुगतान में से दिए भी थे। इलाज के लिए जरूरी रकम का बंदोबस्त किसी बैंक से कर्ज लिए बिना कर लिया गया था।
आलोक के मुताबिक बीमारी की हालत में उनके बाबा की मृत्यु तीन नवम्बर को हो गई थी। आलोक ने बताया कि उनके नाम जमीन नहीं है। अधिकांश जमीन दादी और बाबा के नाम थी। प्रियंका के ट्वीट के बाद आलोक अचानक चर्चा में आ गए। साथ ही सियासी चर्चाएं भी जोर पकड़ने लगीं।
पिछले सत्र का 100 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। आलोक के परिजनों के कई गन्ना सट्टों पर जो भी बकाया था उसमें से 85,000 रुपयों का भुगतान किया गया था। चीनी मिल चालू पेराई सत्र में भी गन्ना भुगतान कर रही है।