वाहनों का बीमा कराया जाना कानून जरूरी
सहारनपुर। राष्ट्रीय सडक सुरक्षा माह के अंतर्गत वाहन चालकों और वाहन व्यवसायिों को बीमा से होने वाले लाभों और नुकासान के बारे में जानकारी दी गयी। बढ़ती सडक दुर्घटनाओं को देखते हुये बीमा की महत्ता समझना बेहद आवश्यक है। यदि वाहन चालक के पास ड्राईविंग लाईसेंस है और वाहन के सभी प्रपत्र वैध है, तो दुर्घटना होने पर घायल या मृत व्यक्ति के मुआवजे का भुगतान नियमानुसार बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है।
सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर0पी0 मिश्रा ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्भागीय परिवहन कार्यालय में बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों के द्वारा बीमा कराये जाने से होने वाले लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने थर्ड पार्टी बीमा सभी वाहनों के लिये अनिवार्य कर दिया है तथा न कराये जाने की स्थिति में चालान सम्बन्धी कार्यवाही की जा सकती है।
सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राधेश्याम द्वारा कार्यशाला में आये सभी बीमा कम्पनीयों के प्रतिनिधियों व वाहन व्यवसायीयों का आभार व्यक्त किया गया तथा अपील की गयी कि बिना बीमा के वाहन का संचालन कदापि न करें।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ मण्डलीय प्रबन्धक ओरियन्टल इंश्योरेंस कम्पनी, राजेन्द्र सिंह बिष्ठ द्वारा बीमा के प्रकार व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया तथा कार्यशाला में आये सभी वाहन व्यवसायियों से अपील किया कि बिना बीमा के किसी प्रकार के वाहन का संचालन नहीं किया जाना चाहिए। नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी के ईसम सिंह द्वारा थर्ड पार्टी बीमा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
इसी तरह न्यू इण्डिया एंशयोरेंस कम्पनी के प्रशासनिक अधिकारी मदन लाल द्वारा बीमा कवर के सम्बन्ध में प्रकाश डाला गया। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अजीत श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि वाहन का बीमा न होने पर किसी प्रकार का वाहन सम्बन्धी कार्य जैसे फिटनेस, परमिट, पुनः पंजीयन, स्वामित्व हस्तान्तरण आदि का कार्य नहीं हो सकता।
इसके अतिरिक्त प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान बीमा न होने की स्थिति में जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। कार्यशाला में विभिन्न बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि, परिवहन विभाग के कर्मी तथा बडी संख्या में वाहन व्यवसायी एवं वाहन चालक शामिल मौजूद रहे।