सहारनपुर। ईपीसीएच के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में हस्तशिल्पियों को उत्पाद, विकास डिजाइन आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वावधान में कोविड के उपरांत हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्पाद, विकास, डिजाईन और विपणन के लिए चुनौतियां एवं अवसरों विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के प्रथम सत्र में डिजाईनर वंदना शर्मा ने हस्तशिल्पियों को बताया कि कोविड के पश्चात हस्तशिल्प उत्पाद के विकास एवं डिजाईन को कैसे बनाए रखना है।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण हस्तशिल्प क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है और छोटे स्तर के हस्तशिल्पी इससे अधिक प्रभावित हुए है। आने वाला समय अवसर की भांति होगा, जिसे भुनाना जरूरी है, ताकि वह समय का दीर्घकालीन लाभ ले सकें। दूसरे सत्र में दीपक नौटियाल ने बताया कि किसी भी व्यापार के लिए विपणन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, इसलिए व्यापार में विपणन की जानकारी होना अतिआवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट मार्केटिंग विपणन का माध्यम है और डिजीटल मार्केटिंग हजारों उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका है। सेमिनार में रामजी सुनेजा, ओसाफ गुड्डू, हस्तशिल्प विभाग के सहायक निदेशक पुलकित जैन, कालीन प्रशिक्षण अधिकारी योगेश पाठक, आसिफ आदि मौजूद रहे।