
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की सुबह मन की बात की। इस दौरान उन्होंने पिछले दिनों वाराणसी में हुए बटुकों के क्रिकेट और संस्कृत में कमेंट्री का जिक्र कर संस्कृत की महत्ता के बारे में बताया। पीएम मोदी ने स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री से क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को प्रोत्साहित करने की भी अपील की। पीएम मोदी ने कहा, 'हमें भारतीय खेलों में क्षेत्रीय भाषाओं में कमेंट्री को बढ़ावा देना चाहिए। मैं स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री और निजी संस्थानों से इस बारे में विचार करने की अपील करता हूं।'
भाषाओं पर बात करते हुए पीएम मोदी ने सबसे पहले तमिल भाषा को सीखने को लेकर अपने अनुभवों को साझा किया और फिर एक संस्कृत का आडियो जारी कर केवड़िया में सरदार पटेल के बारे में संस्कृत में गाइडों द्वारा बताने की जानकारी साझा की। इसके बाद उन्होंने एक और ऑडियो सुनाया जो वाराणसी में बटुकों के बीच खेले गए क्रिकेट और उसमें संस्कृत में हुई कमेंट्री थी। लगभग दस सेकेंड के इस ऑडियो में संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री और दर्शकों का उत्साह भी समाहित था।
पीएम मोदी ने वाराणसी में हुई प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि दरअसल यह संस्कृत में की जा रही क्रिकेट कमेंट्री है। वाराणसी में, संस्कृत महाविद्यालयों के बीच एक क्रिकेट प्रतियोगिता होती है। इस बार भी शास्त्रार्थ महाविद्यालय, स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, श्री ब्रह्म वेद विद्यालय और इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता के मैचों के दौरान कमेंट्री संस्कृत में की जाती है। मैंने उस कमेंट्री का एक बहुत छोटा-सा हिस्सा आपको सुनाया। यही नहीं, इस प्रतियोगिता में खिलाड़ी और कमेंटेटर पारंपरिक परिधान में नजर आते हैं। यदि आपको एनर्जी, एक्साइटमेंट, सस्पेंस सब कुछ एक साथ चाहिए तो आपको खेलों की कमेंट्री सुननी चाहिए। टीवी आने से बहुत पहले खेल कमेंट्री ही वो माध्यम थी, जिसके जरिए क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों का रोमांच देशभर के लोग महसूस करते थे। टेनिस और फुटबाल मैचों की कमेंट्री भी बहुत अच्छी तरह से पेश की जाती है।
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