सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि जनपद में आग की दुर्घटनाओं को रोकने तथा अग्निकांड से होने वाले नुकसान में कमी लाने के लिए जनपद स्तर पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होने सभी उपजिालधिकारियों और राजस्व विभाग के कर्मियों को निर्देश दिए है कि जनपद में अग्निकांड से होने वाली घटनाओं को न्यूनीकृत करने के लिए आम आदमी को जागरूक किया जाएं। उन्होंने जनपद और तहसील स्तर पर निगरानी समीतियों का गठन कर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए है।
अखिलेश सिंह ने आज यहां इस आश्य के निर्देश जारी किये है। उन्होंने जारी निर्देश में कहा है कि जनपद में विगत 05 वर्षों में अग्निकाण्ड से हुई क्षति का विश्लेषण करते हुये अग्निकाण्ड के लिये अति संवेदनशील एवं संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हांकन किया जाए।
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अग्निकाण्ड बचाव हेतु विशेष निगरानी रखी जाए। उन्होने कहा कि जनपद स्तर पर एक निगरानी समिति का गठन करते हुए जनपद एवं तहसील स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए तथा साप्ताहिक बैठक कर अनुश्रवण किया जाए। जिलाधिकरी ने कहा कि गांव क्षेत्रों में अग्निकाण्ड की दुर्घटनाओं से बचाव के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार व जन जागरूकता हेतु संबंधित लेखपाल को नामित किा जाए। उन्होने कहा कि फूंस के मकान अग्निकाण्ड के प्रति संवेदनशील होते हैं।
ऐसे परिवार जो अभी भी फूंस के मकानों में आवासित हों, उनका चिन्हांकन कर प्राथमिकता के आधार पर पात्रता के अनुसार शासकीय योजना के अन्तर्गत आच्छादित कर पक्का मकान बनवाया जाए। हवन आदि का काम सुबह 09 बजे से पहले सम्पन्न कर लें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए वायरिंग की समय पर मरम्मत करा लें। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते रहें। पटाखें जलाते समय पानी की बाल्टी तथा रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें।
उन्होने कहा कि जंहा तक सम्भव हो गर्मियों में दिन का खाना 09 बजे सुबह से पूर्व बना लें तथा रात का खाना शाम 06 बजे के बाद बनाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में हरा गेहूं छीमी भी बच्चे भूनते है ऐसे में आग से बचने के लिए उन पर निगरानी रखें। बिजली के लूज तारों से निकली चिंगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है। जंहा कंही लूज तार दिखें उसकी सूचना बिना देर किये ऊर्जा विभाग या संबंधित बिजली कंपनी के अभियंताओं को दें।