सहारनपुर। बीएसएनएल में कार्यरत व समाज सेवी वदूद अहमद सिद्दकी के निधन पर उर्दू तालिमी बोर्ड ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि समाज ने एक प्रबुद्ध समाज सेवी खो दिया है, जिसकी भरपाई होना संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि बीएसएनएल में सेवानिवृत्त 69 वर्षीय वदूद अहमद सिद्दकी अपने निवास मौहल्ला झोटेवाला, हकीम नाहन वाले सहारनपुर में कल शाम 6ः30 बजे आकस्मिक निधन हो गया। मरहूम की नमाजे जनाजा बाद नमाज फजर सुबह 5ः00 मदरसा मजाहिर उलूम कदीम में मुफ्ती अब्दुल बशीर ने अदा कराई। सुपुर्द-ए-खाक अरबी मदरसा रोड कब्रिस्तान हाजी शाह कमाल में किया गया।
उर्दू तालीमी बोर्ड के महासचिव दानिश सिद्दकी ने बताया कि वदूद अहमद सिद्दकी मेरे खानदान के संरक्षक थे। एक बेहद शरीफ, मिलनसार ,खुश अखलाक, पढ़े लिखे, ईमानदार, साफ छवि के साथ नमाजी परहेजगार के पाबंद थे। वदूद सिद्दकी टेलीफोन विभाग की दूरसंचार कर्मचारी संघ के नेता थे। रिटायर्ड होने के बाद दूरसंचार सिटिजन कर्मचारी एसोसिएशन में भी अपनी मांगों के संबंध में आवाज बुलंद करते रहते थे।
\टेलीफोन विभाग से रिटायर्ड होने के बाद काजी रशीद मसूद के शाना-बशाना उनकी राजनीतिक पार्टियों, जनसभाओं और घरेलु प्रोग्रामो में छोटे भाई की तरह कंधे से कंधे मिला कर रहते थे। वदूद अहमद सिद्दकी के 2 पुत्र 2 पुत्री है।उनके निधन में शरीक शहर के सामाजिक, राजनीतिक, पत्रकार, बुद्धिजीवी व सामाजिक संगठनों के अलावा अफजाल अहमद फारूकी, किश्वर खान, नवेद उल हक सिद्दकी, मुनव्वर अहमद, अंजुम सिद्दकी, मुशारिक सिद्दकी, मुशाहिद सिद्दकी, नवेद गुड्डू, हाजी कल्लू आदि ने उनके लिए दुआये मगफिरत की।