सहारनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ सहारनपुर के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह त्यागी ने कहा कि सरकार ने बिना किसी कारण के अधिसूचना जारी कर अगले 6 माह के लिए हड़ताल पर रोक लगा लगा दी है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेष सरकार द्वारा छह माह के लिए ह़ड़ताल पर रोक लगाने के आदेष पर गुस्से का इजहार करते हुए जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह त्यागी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय कोई भी कर्मचारी जनहित को ध्यान में रखते हड़ताल पर नहीं जा रहे है।
परंतु सरकार की मंशा पर परिषद चिन्ह लगाना लाजमी है, इस महामारी में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, कोषागार, ग्राम्य विकास विभाग आदि सभी विभाग सफाई कर्मचारीगण भी अपनी भूमिका अदा कर रहे है। महासंघ के मंडलीय अध्यक्ष मुकेश त्यागी ने कहा कि काफी संख्या में कर्मचारी शिक्षक महामारी की चपेट में आकर मृत्यु लोक पहुंच गए हैं, परंतु सरकार ने महामारी के समय कर्मचारियों का डीए रोक रखा है। सरकार कोविड की आड़ में कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्मचारी जोखिम उठाकर अभी भी ऑफिस जाकर सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ा रहे है सभी विभागों में पदोन्नति स्थायीकरण समान वेतनमान के मामले वर्षों से लंबित पड़े हैं परंतु किसी पर भी कार्यवाही नहीं हो रही है। जिला मंत्री दानिष सिद्दकी ने कहा कि सरकार एस्मा के बहाने कर्मचारियों की समस्याओं से निपटाने के बजाए अपना कार्यकाल पूरा करना चाह रही है।
इस सरकार में लगातार तीन बार कर्मचारी तथा शिक्षक संगठनो पर एस्मा लगाई गई। जिसके चलते इतने कम समय में सरकार द्वारा बिना हड़ताल, आन्दोलन के नोटिस के एस्मा लगाना कर्मचारियों के खिलाफ अघोषित इमरजेंसी है। महामारी कोरोना को संभालने में काफी मेहनत करने के बाद भी महंगाई भत्ता तथा अन्य भत्ते काटे गए, सातवे वेतन आयोग की संस्तुतियों आज 4 साल बाद भी बस्ते में बंद है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की जा रही है तथा स्थायीकरण स्वयंमान वेतनमान के मामले विभागों में लंबित पड़े हुए है।