नदी-तालाबों से हटाया जायेगा अतिक्रमण, बनाये जायेंगे जैव विविधता पार्क
सहारनपुर। बारिश के पानी को संचित करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किये जल शक्ति अभियान-2 को महानगर में क्रियान्वयन के लिए निगम में नगरायुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन कर एक्शन प्लान बनाया गया। योजना पर चर्चा के बाद बिंदूवार नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए। समय-समय पर नगरायुक्त समस्त योजना और कार्यो की समीक्षा करेंगे।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह की अध्यक्षता में नगर निगम में जलशक्ति अभियान 2 पर आयोजित बैठक में निगम के पर्यावरण प्लानर उमर सैफ ने प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री द्वारा गत 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर शुरु किया गया यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा। पूरे देश में मॉनसून से पहले और मॉनसून के दौरान यह अभियान चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य बारिश के पानी का संचय करना है। जिसमें जमीनी स्तर पर जल संरक्षण लिए लोगों की भागीदारी बढ़ाते हुए इसे एक आंदोलन के रूप में शुरू किया गया है। प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव होने के कारण यह विलंब से शुरु हो रहा है।
इसके नौ बिंदुओं में पहला, पुराने वर्षा जल संचयन संरचनाओं का पुनरुद्धार करना, इसके लिए उनकी पहचान कर जियो टैग करते हुए सूक्ष्म योजनाओं को समयबद्धता के साथ पूरा करना है। इसके लिए अधिशासी अभियंता निर्माण आलोक श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दूसरा, नए वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना है। इसमें नगर निगम क्षेत्र में मौजूद समस्त सरकारी भवन जिन पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग नही बना है उनकी पहचान करना और वहां निर्माण कराना है।
इसके लिए एसडीए के प्रदीप शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। तीसरे बिन्दू में हरित स्थान, पौधारोपण व जैव विविधता पार्क के लिए उपलब्ध भूमि की पहचान करते हुए चिन्हांकन कर निर्माण करना है। इसका दायित्व उद्यान विभाग के मुकेश कुमार को दिया गया है। चैथे बिन्दू में स्वच्छ जल स्त्रोत की पहचान व भूगर्भ सम्भरण के लिए स्वच्छ जल स्त्रोत की मैपिंग करना और सूक्ष्म योजनाओं का समयबद्धता के साथ निर्माण पूरा करना है। इसके लिए महाप्रबंधक जलकल मनोज आर्य व उमर सैफ को जिम्मेदारी दी गयी है।
पांचवे बिंदू में तालाबों,झीलों व नदियों के जीर्णोद्धार के लिए उनकी पहचान कर जियो टैग करना तथा उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने के अलावा जलागम क्षेत्रों का पता लगाना व प्रबंधन करना शामिल है। यह कार्य निर्माण,संपत्ति व पर्यावरण विभाग परस्पर समन्वय बनाकर करेंगे। छठे बिंदू में उपचारित जल का पुनरुपयोग सुनिश्चित करना है, इसमें उपचारित जल की उपलब्धता व हितधारकों की पहचान करना और पुनःउपयोग योजना का समयबद्ध निर्माण करना है।
जबकि नौवे बिन्दू में प्रभावी अनुश्रवण व्यवस्था है। इसमें कार्ययोजना निर्माण समिति का गठन करना, वार रुम व समन्वय डेस्क का निर्माण, दैनिक प्रगति रिपोर्ट भेजना आदि शामिल है। बैठक में मुख्य अभियंता निर्माण कैलाश सिंह व अधिशासी अभियंता सुशील सिंघल,सहायक अभियंता जलकल ईश्वर सिंह आदि भी शामिल रहे।