सहारनपुर। शहीद शिरोमणि उधम सिंह के बलिदान दिवस पर आज आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी शहादत से प्रेरणा लेने का युवाओं से आह्वान किया। इस अवसर पर संघर्ष समिति की लम्बित मांगों का निस्तारण किए जाने की मांग भी की गयी। हकीकत नगर के रामलीला मैदान पर समिति के तत्वावधान में शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस दौरान जिलाध्यक्ष साधुराम अम्बेडकर ने बताया कि शहीद उधम सिंह 31 जुलाई 1940 में भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए संघर्ष किया था और माईकल जोडायर की हत्या के आरोप में उन्हें फांसी दी गयी थी। स.उधम सिंह का नाम देश के क्रान्तिकारियांे के रूप में दर्ज है और समाज के प्रति उनके संघर्ष व बलिदान को कभी भुलाया नही जा सकता।
जिला मंत्री रविन्द्र गौतम ने कहा कि उधम सिंह का संघर्ष बहुत ही समाज के लिए साहस पूर्ण रहा है और आज हम उनकी पुण्य तिथि पर संकल्प ले कि ऐसी वीर शहीदों की गाथाओं को युवाआंे के बीच पहुंचाया जाये, ताकि वह उनसे प्रेरणा ले सकें। इस दौरान उनके चित्र के सम्मुख मोमबत्ती जलाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस दौरान जिलाध्यक्ष साधुराम अम्बेडकर ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का 117वां संविधान संशोधन लोक सभा के चालू सत्र में पारित किया।
शब्बीरपुर, उना, भगाना तथा मिर्चपुर गोहणा हत्याकांड की सीबीआई से जांच करायी जाये और पीड़ितों को पुर्नवास किया जाये। सेना के तीनों अंगों में भर्ती परीक्षा में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो। शिक्षा का बाजारीकरण, निजीकरण बंद हो। राष्ट्र की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाले जवानों की भांति देश के नागरिकों की खतरनाक बीमारियों से रक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले सफाई कर्मियों, ठेकेदारी पर काम करने वाले संविदा कर्मियों की नौकरी को नियमित किया जाये और उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाये।
सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट लागू हो। पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति हो। एससीएसटी वर्गो की वास्तविक जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की सीमा मंे वृद्धि की जाये। प्रत्येक संवर्ग में रिक्त पड़े पदो को शीघ्र भरा जाये। आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की लूट बंद हो। सिर पर मैला ढोने की प्रथा को तत्काल बंद कर इसमें लगे लाखांे लोगों के कल्याण को पुर्नवास योजना लागू हो।
गरीब, ग्रामीण, एससीएसटी, ओबीसी छात्र-छात्राओं के जिला तहसील स्तर पर मुफ्त आवासीय छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करायी जाये। प्रत्येक जनपद, तहसील स्तर पर भीम बाजारों का निर्माण कराया जाये। शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर दस लाख की जाये। इस दौरान पन्ना लाल, सुमेर चंद, राजवीरी, रवि कुमार, इसम सिंह, सुभाष गौतम आदि प्रमुख रूप से मौजद रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता ब्रजपाल व संचालन सुभाष गौतम ने किया।