सहारनपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन हरीकेश पाण्डेय ने कहा कि कोविड-19 के दौरान जो बच्चे अपने माता पिता को खो चुके है उनके जीवन को संवारने को प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गयी है। इसका मूल उददेश्य ऐसे परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुचाना है और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत माता-पिता कोे खो चुके बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ख्याल रखने का उत्तरदायित्व शासन के द्वारा किया जायेगा।
हरीकेश पाण्डेय आज यहां राजकीय कन्या इन्टर कालेज में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर बालिकाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण ईकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हाकिंत के 15 दिन के अन्दर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करायी जायेगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण से भरकर आॅनलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकासखण्ड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा। शहरी क्षेत्र में लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किये जा सकते है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि माता पिता की मृत्यु के 2 वर्ष के अन्दर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा। उन्होंने कहा कि पीसीएनडी एक्ट 1994 (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 ) के तहत प्रसवपूर्व लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है महिलाओं को यह तय करना होगा। इस अवसर पर राजकीय कन्या इन्टर कालेज की प्रधानाचार्या ने सभी का आभार व्यक्त किया और इस प्रकार के आयोजन समय समय पर आयोजित किये जाने की अपेक्षा की। कार्यक्रम का संचालन मुख्य कार्यकारी राजकुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में कालेज की अध्यापिकायें व छात्राये मौजूद थी।