सहारनपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व सिविल जज (सीडी) हरीकेश पाण्डेय ने जेल प्रशासन को निर्देश दिये कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में ऐसे सिद्धदोष बन्दी जो रिहा किये जाने की पात्रता रखते हो, उनकी रिहाई की प्रक्रिया नियमानुसार अविलम्ब प्रारभ्भ करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि बन्दियों की करोना जाॅच समय समय पर कराते रहें। उन्होने रसोईघर, भण्डारगृह, चिकित्सालय का निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जनपद न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी एक्शन प्लान के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व सिविल जज (सीडी) हरीकेश पाण्डेय द्वारा आज जिला कारागार में जेल निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन में यह बात कही। उन्होने कारागार में निरूद्ध दोषसिद्ध बन्दियों को उनके मौलिक कर्तव्यों एवं अधिकारों के बारे में जागरूक किया। उन्होने बन्दियों को गिरफतारी के समय सम्बन्धित जनों को सूचित करने का अधिकार, निःशुल्क विधिक सहायता का अधिकार, स्वास्थ्य पोषण का अधिकार, त्वरित विचारण का अधिकार आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होने जेल प्रशासन को आदेशित किया कि वह ऐसे बन्दियों के प्रार्थना पत्र प्राप्त कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में भिजवाया जाना सुनिश्चित करे जिनके पास मुकदमें के लिए अधिवक्ता नहीं है।
हरीकेश पाण्डेय ने कहा कि कारागार में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन तथा सभी बन्दियों को मास्क उपलब्ध कराया जाए। उन्होने कहा कि जिन बन्दियों को कोरोना टीकाकरण की प्रथम डोज नहीं लगी है उन्हे प्रथम डोज लगवाया जाए तथा जिनकों प्रथम डोज लग चुकी है उन्हे समयानुसार द्वितीय डोज लगवाना सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ अधीक्षक श्रीमती अमिता दूबे, डिप्टी जेलर अभय शुक्ला, दीपक सिंह व प्राधिकरण कार्यकारी राजकुमार गुप्ता उपस्थित रहे।